किस प्रकार के लोग ध्यान के प्रति आकर्षित होते हैं ?
Updated on
05-05-2023 08:27 AM
गुरजी कहते हैं.......* कि मनुष्य तीन विभिन्न प्रभावों ( Influences ) के असर में जी रहा है. वह उन्हें प्रभाव “A” “, “B” और “C” कहते हैं I
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वे बताते हैं की ज़्यादातर लोग प्रभाव “A” के असर में जी रहे हैं . प्रभाव “A” के लोग एक प्रकार का भौतिक जीवन जी रहे हैं . वे अपने निम्न प्रवृत्ति के केंद्र( Lower Instict Center) से जीवन जी रहे हैं . वे खुश हैं अगर उन्हें आराम , भोजन और घर मिलता रहे. वे सिर्फ शरीर के लिए जी रहे है . वे सुविधा से जीते है और सुविधा से मर भी जाते है. उनका बोध शरीर के आगे नहीं जाता.
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कुछ लोग “B” के प्रभाव के अंदर जीवन जी रहे हैं . वे भौतिक जीवन की तुलना में अधिक कुछ चाहते हैं. ऐसे लोगों का संगीत , साहित्य , पेंटिंग और प्रकृति की दिशा में भी झुकाव रहता है . वे कुच्छ महसूस करते हैं, वे केवल शब्द ही नहीं पढ़ते बल्कि वे शब्द के अर्थ को भी अच्छे से समझते हैं । वे काव्य की भाषा समझते है । वे अधिक संवेदनशील होते हैं और जीवन को निम्न भावुक केंद्र (Lower Emotional Center) के साथ जीते हैं . ऐसे लोग थोड़े कम बहरे , थोड़े कम अंधे होते हैं , और थोड़े बोध के साथ जीते हैं .
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तीसरी श्रेणी के लोग वे हैं जो प्रभाव “C” के असर में जी रहे हैं . वे बहुत बुद्धिमान और समजदार होते हैं, वे *पहले से ही इच्छा का परिणाम देख सकते हैं .* इस प्रकार के लोग सामान्य रूप से, ध्यान , चेतना या जागरूकता के विकास करने की तरफ आकर्षित होते हैं . सब सुविधा होने के बावजूद भी , उनको लगता है की कुछ जीवन में कमी है . तो ऐसे लोग ध्यान की तरफ आकर्षित होते है.
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कंई बार जीवन में कोई आकस्मिक आघात लगने की वजह से कभी-कभी प्रभाव “ए” के लोग सीधा प्रभाव “सी ” में प्रवेश कर लेते हैं.
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जब कोई व्यक्ति जब संगीत और काव्य के पीक पर पहुंच जाता है , या कभी एकदम नजीक के व्यक्ति का मृत्यु के आघात से प्रभाव “बी” से प्रभाव “सी” में प्रवेश कर जाता है...
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या कोई व्यक्ति कोई जागरूक गुरु के संपर्क में आता है तो ऐसा जातक इनफ्लियंस "बी" में से "सी" में प्रवेश कर जाता है....