नेपाल को बीआरआई के जाल में फंसाना चाहता है चीन
नेपाल-भारत संयुक्त आयोग एक शीर्ष निकाय है जिसकी स्थापना साल 1991 में की गई थी। इस बैठक में भारत और नेपाल के बीच पूरे द्विपक्षीय रिश्ते पर बातचीत होती है। नेपाल सरकार ने बताया है कि भारत ने उन्हें सूचना दी है कि विदेश मंत्री जयशंकर जी-20 बैठक के बाद काठमांडू के दौरे पर जाएंगे। इन बैठकों से पहले अब दोनों देश विभिन्न समितियों की बैठक करने जा रहे हैं जो ऊर्जा, जल संसाधन और बिजली व्यापार पर हैं।
नेपाल के विदेश मंत्री एनपी सौद ने बताया कि आयोग की बैठक के लिए भारत के साथ डेट पर बातचीत जारी है। उन्होंने कहा कि इस बैठक में दोनों देशों के बीच संबंधों की पूरी समीक्षा होगी। इससे पहले नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड 31 मई से 2 जून के बीच भारत के दौरे पर आए थे। बता दें कि कोरोना काल के बाद अचानक से चीन के नेताओं ने नेपाल का दौरा काफी बढ़ा दिया है। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के साथ कई मंत्री भी पिछले कुछ दिनों में नेपाल के दौरे पर आ चुके हैं। चीन अपने बीआरआई प्रोग्राम को नेपाल के अंदर शुरू कराना चाहता है। वहीं अमेरिका भी लगातार अपने मंत्री नेपाल भेज रहा है। चीन के विरोध के बाद भी नेपाल में अमेरिका का एमसीसी प्रोग्राम शुरू होने जा रहा है।