प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील में जी20 समिट की बैठक के बाद बुधवार सुबह कैरेबियाई देश गुयाना पहुंच गए हैं। राजधानी जॉर्जटाउन में गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान और प्रधानमंत्री एंटनी फिलिप्स प्रोटोकॉल तोड़कर उनका स्वागत करने एयरपोर्ट पहुंचे। उनके साथ करीब एक दर्जन कैबिनेट मिनिस्टर्स ने भी PM मोदी का स्वागत किया। एयरपोर्ट पर ही उन्हें गॉर्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।
गुयाना में PM मोदी का सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरुस्कार 'द ऑर्डर ऑफ एक्सिलेंस' से सम्मान किया जाएगा। इसके अलावा बारबाडोस भी उन्हें 'ऑनररी अवॉर्ड ऑफ फ्रीडम ऑफ बारबाडोस' से सम्मानित करेगा। इससे पहले कैरेबियाई देश डोमिनिका भी PM मोदी को अपना सर्वोच्च सम्मान 'डोमिनिका अवॉर्ड ऑफ ऑनर' देने का ऐलान कर चुका है। PM को यह अवॉर्ड भी गुयाना में ही मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करने भारतीय समुदाय के लोग भी भारी संख्या में जुटे थे। राजधानी जॉर्जटाउन के होटल में भारतीय समुदाय के लोगों ने PM मोदी का स्वागत किया।
PM मोदी 20 और 21 नवंबर को गुयाना की राजकीय यात्रा पर रहेंगे। वो 56 साल में गुयाना की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। उनसे पहले इंदिरा गांधी ने 1968 में गुयाना का दौरा किया था।
यात्रा के दौरान PM मोदी गुयाना की संसद की विशेष बैठक को संबोधित करेंगे। मोदी कैरिकॉम-इंडिया शिखर सम्मेलन में भी शामिल होंगे।
साल 2020 में गुयाना में तेल और गैस की खदानों की खोज के बाद इसकी GDP सालाना लगभग 40% की दर से बढ़ रही है। इसके चलते यह व्यापार और इंवेस्टमेंट का केंद्र बन गया है। ऐसे में गुयाना यात्रा के दौरान PM मोदी और गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली के बीच एनर्जी और रक्षा संसाधनों से संबंधित डील हो सकती है।
गुयाना के 40% आबादी भारतीय मूल की है। खुद राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली के पूर्वज ब्रिटिश शिप से कैरेबियाई देश लाए गए थे।
पिछले साल जनवरी में प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली बतौर मुख्य अतिथि भारत आए थे। फरवरी 2023 में उप राष्ट्रपति भरत जगदेव भी भारत आए थे। इस साल फरवरी में गुयाना के प्रधानमंत्री मार्क फिलिप्स ने भी भारत का दौरा किया था।
गुयाना के पास नेचुरल गैस और ऑयल का भंडार
गुयाना 21 कैरेबियाई देशों के ग्रुप कैरिकॉम (CARICOM) का सदस्य है। यह ग्रुप कैरेबियाई देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक, और सामाजिक एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। गुयाना को "कैरिबियन का अन्न भंडार" भी कहा जाता है। वहीं, पनामा नहर के नजदीकी के कारण गुयाना की स्ट्रैटेजिक लोकेशन भी बढ़ जाती है।
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, गुयाना के पास लगभग 11.2 बिलियन बैरल ऑयल रिजर्व और 17 ट्रिलियन क्यूबिक फीट नेचुरल गैस है। 2020 में नेचुरल गैस और ऑयल रिजर्व मिलने के बाद यहां प्रतिव्यक्ति आय 18,199 डॉलर से अधिक हो गई।
गुयाना और भारत संबंध
मई 1965 में गुयाना की राजधानी जॉर्जटाउन में भारतीय आयोग की स्थापना की गई थी। गुयाना को आजादी मिलने के दो साल बाद ही 1968 में इंदिरा गांधी ने यहां का दौरा किया। 1988 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा और 2006 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत गुयाना की राजकीय यात्रा पर गए थे।
2023-24 में भारत-गुयाना का कुल आपसी ट्रेड 105.97 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। इस दौरान भारत ने गुयाना को 99.36 मिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया।
मई 2024 तक, गुयाना लगभग 645,000 बैरल क्रूड ऑयल और गैस का उत्पादन कर रहा था। इसी के मद्देनजर ऑयल एंड नेचुरल गैस की शाखा 'ONGC विदेश' भी यहां लगातार मौके की तलाश रही है। इस साल की शुरुआत में, भारत ने क्रूड ऑयल की सोर्सिंग समेत हाइड्रोकार्बन में सहयोग करने के लिए गुयाना के साथ पांच साल के MoU को मंजूरी दी है।