बता दें कि विनोद कांबली अपने कुछ बुरी आदतों के कारण अपनी प्रतिभा को खो दिए। उन्हें भारतीय क्रिकेट में भविष्य का सितारा माना जाता था। जिस तरह से उनके बचपन के दोस्त सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट के प्रति अनुशासन को बरकरार रखा विनोद ऐसा नहीं कर पाए। यही कारण है कि उनका करियर परवान चढ़ने से पहले खत्म हो गया। सचिन और विनोद की जोड़ी तब खूब सुर्खियों में आई थी जब उन्होंने साल 1988 में इंटर स्कूल हैरिस शील्ड टूर्नामेंट में रिकॉर्ड 664 रनों की पार्टनरशिप की थी। वहीं से दोनों की दोस्ती गहरी हुई थी।