वॉशिंगटन । अगर लोग आयोडीन से अपने नाक और मुंह को धोते हैं तो वे कोरोना वायरस से बच सकते हैं। यह दावा किया है अमेरिका में हुए एक ताजा शोध में। पूर्व में हुए अध्ययन और विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ऐसे दावों को नकार चुका है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टिकट स्कूल ऑफ मेडिसिन की रिसर्च में यह पाया गया है कि अगर लोग अपने नाक को आयोडीन के साथ धोते हैं तो इससे कोरोना वायरस के संक्रमण की संभावना कम हो जाती है। रिसर्चर्स ने लैब में कोरोना वायरस के एक नमूने पर तीन अगल-अलग सांद्रता के एंटीसेप्टिक पोविडोन-आयोडीन (पीवीपी-I) के साल्यूशन डाले। जिसके बाद उन्होंने पाया कि 0.5 फीसदी सांद्रता वाले पोविडोन-आयोडीन के साल्यूशन को कोरोना वायरस को निष्क्रिय करने में केवल 15 सेकेंड लगे। जिसके बाद शोधकर्ताओं ने दावा किया कि अगर नाक और मुंह को आयोडीन से धोया जाता है तो इससे कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है।
कोरोना वायरस नाक के रिसेप्टर एसीई -2 का उपयोग मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने और संक्रमित करने के लिए करता है। इसलिए कई ह्यूमन ट्रायल के दौरान महामारी पर रोक लगाने के लिए नाक की सफाई और यहीं वायरस को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। रिसर्च में पाया गया है कि पीवीपी- I नए वायरस से संबंधित रोगजनकों को निष्क्रिय करने में प्रभावी रहा है जिसमें सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम और मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम शामिल हैं। रिसचर्स ने दावा किया कि पोविडोन-आयोडीन के घोल से नाक की सफाई करना कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अधिक फायदेमंद रहेगा। इससे मास्क के प्रयोग से भी ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। हालांकि टीम ने चेतावनी देते हुए कहा है कि हमेशा अपने नाक को प्रशिक्षित चिकित्सक की देखरेख में ही साफ करें।एक अध्ययन में रिसर्च टीम ने लिखा है कि उन्होंने वायरस के खिलाफ आयोडीन का साल्यूशन को टेस्ट किया। जिसमें आयोडीन के सांद्रता का स्तर 0.5 प्रतिशत, 1.25 प्रतिशत और 2.5 प्रतिशत रखा गया। तीनों ही घोल ने कोरोना वायरस के खिलाफ अच्छा रिजल्ट दिया।