आमतौर पर अभी तक आपने जितने भी ध्यान के बारे में सुना है वे सभी ध्यान बैठकर किए जाते हैं लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में बैठकर ध्यान करने का वक्त किसके पास है। ऐसे में हम आपके लिए लाए हैं वॉकिंग मेडिटेशन (Meditation for Walking) यानि चलने वाला ध्यान। यह ध्यान बैठकर करने वाले ध्यान से बिल्कुल अलग है और यह उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है जिनके पास एक जगह बैठकर ध्यान करने लिए वक्त नहीं है।
वॉकिंग मेडिटेशन मन और मस्तिष्क को एकाग्र करने और ऊर्जा का संचरण करने का बेहतर विकल्प है। इस ध्यान को आप चलते वक्त कर सकते हैं। खास बात यह है कि इसमें चलने की तुलना में धीमी गति रखी जाती है और चलने क साथ आंखें खुली एवं जागरूक भी रहना पड़ता है।
ध्यान का एक प्रकार है वॉकिंग मेडिटेशन। इसका मूल बौद्ध धर्म में है। इस मेडिटेशन में चलना की तुलना में गति बहुत धीमी होती है। इसमें पूरा ध्यान चलने पर होता है और हमें हर क्षण का विश्लेषण करना होता है। इस वॉकिंग ध्यान का उद्देश्य किसी डेस्टिनेशन तक पहुंचना नहीं है बल्कि सांसों के साथ समन्वय बिठाकर चलना होता है। इस ध्यान में आंखें खुली रहती है और हर कदम पर फोकस करना होता है, जो आपकी एकाग्रता को बढ़ाता है। इसके अलावा इस मेडिटेशन से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को लाभ प्राप्त होता है।
यदि आप वॉकिंग मेडिटेशन को रोजाना करते हैं तो एकाग्रता में सुधार होता है और यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। यहाँ कुछ पैदल चलने वाले ध्यान के फ़ायदे दिए गए हैं।