अमेरिका ने H-1B वीजा पर एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर दिया है। इसके तहत H-1B वीजा अब अमेरिका में ही रिन्यू होगा। इससे हजारों भारतीय IT प्रोफेशनल्स को फायदा मिलेगा।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक पायलट प्रोजेक्ट के तहत अमेरिका ने डोमेस्टिक वीजा का रिवैलिडेशन 29 जनवरी 2024 से शुरू कर दिया। यह 1 अप्रैल 2024 तक चलेगा। जून 2023 में अमेरिका की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि H1B वीजा वाले लोगों को अब अपना वर्क वीजा रिन्यू करवाने के लिए कहीं और नहीं जाना पड़ेगा। ये अमेरिका में ही रिन्यू हो जाएंगे।
2004 के बाद सेअमेरिका ने माइग्रेंट वर्कर्स का वीजा रिन्यू करना बंद कर दिया था
दरअसल, 2004 तक H-1B वीजा को अमेरिका में ही रिन्यू किया जाता था, लेकिन 2004 के बाद से अमेरिका में काम करने वाले माइग्रेंट वर्कर्स को इसे रिन्यू कराने के लिए अपने देश लौटना पड़ रहा है। अब इस नए पायलट प्रोजेक्ट के तहत H-1B वीजा अमेरिका में ही रिन्यू होंगे। यानी किसी भी माइग्रेंट वर्कर को इसे रिन्यू करवाने के लिए अपने देश नहीं जाना पड़ेगा।
H-1B वीजा क्या होता है?
H-1B नॉन-इमीग्रेंट वीजा होता हैं, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियों को विशेष तकनीकी दक्षता वाले पदों पर विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करने की अनुमति होती है। इस वीजा के जरिए टेक्नोलॉजी सेक्टर की कंपनियां हर साल भारत और चीन जैसे देशों से हजारों कर्मचारियों की नियुक्ति करती हैं।
H-1B वीजा आमतौर पर उन लोगों के लिए जारी किया जाता है,जो किसी खास पेशे (जैसे-IT प्रोफेशनल, आर्किट्रेक्टचर, हेल्थ प्रोफेशनल आदि) से जुड़े होते हैं। ऐसे प्रोफेशनल्स जिन्हें जॉब ऑफर होता है उन्हें ही ये वीजा मिल सकता है। यह पूरी तरह से एम्पलॉयर पर डिपेंड करता है। यानी अगर एम्पलॉयर नौकरी से निकाल दे और दूसरा एम्पलॉयर ऑफर न करे तो वीजा खत्म हो जाएगा।
एक साल में 65 हजार वीजा जारी किए जाते हैं
अमेरिकी संसद नियमों के मुताबिक, एक साल में 65 हजार H-1B वीजा जारी किए जाते हैं। वहीं, 20 हजार अतिरिक्त वीजा STEM सब्जेक्ट्स से किसी अमेरिकी यूनिवर्सिटी से हायर स्टडी पूरी कर चुके विदेशी छात्रों के लिए जारी किया जाता है।