ब्रिटेन में पहली बार एक 16 साल की लड़की से मेटावर्स में रेप का मामला सामने आया है। ब्रिटिश पुलिस के मुताबिक,पीड़िता का आरोप है कि एक वर्चुअल रिएलिटी गेम में कुछ अनजान लोगों ने उसके अवतार के साथ गैंगरेप किया।
इस दौरान उसे शारीरिक तौर पर तो कुछ नुकसान नहीं पहुंचा है, लेकिन अधिकारियों के मुताबिक उसके दिमाग पर रेप पीड़िता जितना ही गहर असर पड़ा है। न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता ने वर्चुअल रिएलिटी हेडसेट पहन रखे थे। मेटावर्स में रेप के बाद ये पहला मामला है, जिसमें पुलिस जांच कर रही है।
गृह मंत्री बोले- ऐसे आरोपी असल दुनिया में खतरनाक हो सकते हैं
ब्रिटेन के गृह मंत्री जेम्स क्लेवर्ली ने मामले में जांच को सही बताते हुए कहा है कि इस मामले को सच्चाई से परे कहकर आसानी से रद्द किया जा सकता है, लेकिन बड़ी बात ये है कि आज के युवा इसमें बहुत हद तक डूबे हुए हैं, जिसकी वजह से ऐसे मामलों का उनके दिमाग पर गहरा असर पड़ता है।
क्लेवर्ली ने आगे कहा- ऐसे मामलों से ये भी पता चलता है कि जो लोग वर्चुअल रिएलिटी में किसी बच्ची के साथ ऐसा कर सकते हैं, वो असल दुनिया में कहीं ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस केस में जांच काफी मुश्किल होने वाली है क्योंकि फिलहाल ब्रिटेन में वर्चुअल रेप को लेकर कोई कानून नहीं है।
मेटा कंपनी ने कहा- यूजर्स की सुरक्षा के लिए पर्सनल बाउंड्री
फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा ने 2021 में होराइजन वर्ल्ड्स नाम का एक वर्चुअल रिएलिटी स्पेस बनाया था। इस पर यूजर्स का एक अवतार बनता है। इस पर गेम खेलने के साथ लोग दूसरों के अवतारों से मिल भी सकते हैं। होराइजन वर्ल्ड्स में वर्चुअल लेवल पर सेक्शुअली अपराध से जुड़े अब तक कई मामले सामने आ चुके हैं।
इस मामले में मेटा कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा-हमारे प्लैटफॉर्म पर इस तरह के अपराधों की कोई जगह नहीं है। इससे बचने के लिए हमने अपने यूजर्स के लिए एक पर्सनल बाउंड्री भी बनाई है। ये अनजान लोगों को यूजर के अवतार से कुछ फीट दूरी पर रखती है।
क्या है मेटावर्स
मेटावर्स एक वर्चुअल दुनिया है, जहां कोई भी वर्चुअली एंट्री कर सकता है, लेकिन फिजिकली उस जगह पर मौजूद होने का अहसास होगा। यानी कि एक ऐसी आभासी दुनिया है, जहां आपकी एक अलग पहचान होती है। यहां आप स्नैप चैट और बिटमोजी की तरह ही अपना डिजिटल अवतार बना सकते हैं।
ये डिजिटल अवतार बनाकर आप उसी अवतार में घूम-फिर सकते हैं, शॉपिंग कर सकते हैं, बाकी लोगों से मिलना-जुलना कर सकते हैं, प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं और वो सब कुछ कर सकते हैं जो आप रियल वर्ल्ड में देखते हैं। यहां करेंसी के तौर पर क्रिपटोकरेंसी का इस्तेमाल होता है।
मेटावर्स को महसूस करने के लिए यूजर को वर्चुअल रिएलिटी गैजेट्स जैसे VR हेडसेट और VR कंट्रोलर की जरूरत होती है। मेटावर्स में ऑगमेंटेड रियलिटी, वर्चुअल रियलिटी, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी कई तकनीक एक साथ उपयोग होती हैं, जिससे आपको वास्तव में वहां होने का अहसास होता है।
2017 में 49% महिला यूजर्स से वर्चुअल रेप
वर्चुअल रेप का पहला मामला साल 1993 में आया था। साल 2022 में 1 साल की एक रिसर्चर के साथ फेसबुक के मेटावर्स में जाने के एक घंटे के अंदर ही वहां मौजूद एक दूसरे अवतार ने रेप किया था। रिसर्चर ने कहा था कि रेप वर्चुअल दुनिया में हुआ, इसके बावजूद उन्हें रेप होने का एहसास हो रहा था।
इसके अलावा ब्रिटेन की 45 साल की साइकोलॉजिस्ट नीना जेन पटेल ने फरवरी 2022 में सोशल मीडिया पोस्ट में बताया था की फेसबुक के मेटावर्स में उनके साथ गैंगरेप किया गया था।
द एक्सटेंडेड माइंड की साल 2017 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्चुअल रियलिटी (VR) के शुरुआती दिनों में 49% महिला यूजर्स को 'वर्चुअल' यौन उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा था, जबकि इन प्लेटफॉर्म को डिजाइन करने वालों में पुरुषों की संख्या अधिक है। वे महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के एंगल से उतना नहीं सोचते हैं, जितना कि महिलाएं सोच सकती हैं।