बिलासपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गौठानों से ग्राम स्वावलंबन का सपना साकार हो रहा है। गौठानों के माध्यम से लगभग 7 हजार गांवों में 70 हजार एकड़ जमीन सुरक्षित हो गये हैं। इस जमीन से ग्रामीणों, महिलाओं और युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया हो रहे हैं। साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ हो रही है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आज बिलासपुर जिले के बिल्हा विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम सेलर में बने गौठान के निरीक्षण और आयोजित चैपाल में उक्त बातें कही। चैपाल में मुख्यमंत्री के समक्ष सेलर के जागृति महिला स्व-सहायता समूह और गणेश गुप्ता, दीपांगी एग्रो गु्रप के मध्य मशरूम क्रय-विक्रय के लिये एमओयू भी हुआ। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने गौठान में बरगद का पौधा और गृहमंत्री ने पीपल का पौधा रोपण किया।
इस अवसर पर गृह एवं जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू, संसदीय सचिव श्रीमती रश्मि सिंह, विधायक शैलेष पाण्डेय, कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गजेन्द्र सिंह ठाकुर, अन्य विभागीय अधिकारी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और ग्रामीण मौजूद थे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश के सात हजार गांवों में गौठानों के लिए बिना विवाद के जमीन आरक्षित हो गयी है। इसके पहले अतिक्रमण हटाने के लिये भारी वाद-विवाद होता था। परंतु अब प्रदेश के गांवों में बनाये जा रहे गौठान ग्रामीणों की रोजी-रोजगार के साधन बन रहे हैं। गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट, साग-सब्जी, मुर्गी पालन, बकरी पालन, बतख पालन सहित अन्य रोजगारपरक गतिविधियां संचालित की जा रही है। जिससे गांव के लोग रोजगार से जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि गौठान निर्माण के प्रारंभ के दौर में लोगों को गौठान की अवधारणा समझ में नहीं आ रही थी। नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी के माध्यम से ग्रामीण विकास के लिये समन्वित कार्य योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। अब गांव के लोग धान के अलावा गौठानों में गोबर बेचकर अपनी आमदनी सुनिश्चित कर रहे हैं, जिनके पास गाय है, वे भी गोबर बेचकर आमदनी बढ़ा रहे हैं और जिनके पास गाय नहीं है, वे भी गोबर इक_ा कर गौठानों में गोबर बेचकर आमदनी बढ़ा रहे हैं। गौठानों से ग्रामीणों, किसानों को अतिरिक्त आमदनी मिलने लगी है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि गौठानों में अब तक 32 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है तथा गोबर विक्रेताओं को 64 करोड़ रूपये का भुगतान कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। किसान न्याय योजना से पहले प्रदेश में करीब 15 लाख किसान पंजीकृत थे। अब राजीव गांधी किसान न्याय योजना के शुरू हो जाने से किसानों की संख्या 21 लाख 50 हजार के करीब पहुंच गयी है। किसानों की संख्या डेढ़ गुना बढ़ी है। मुख्यमंत्री ने महिला स्व-सहायता समूहों और ग्रामीण महिलाओं को बाड़ी में ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां लगाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि हरी सब्जियां खायेंगे तो हमारे बच्चे और महिलाएं तंदुरूस्त होंगे, जिससे छत्तीसगढ़ तंदुरूस्त होगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोच ग्रामीणों के सर्वांगीण विकास की है। उन्होंने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिये नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी, किसान न्याय योजना जैसी ग्रामीण उत्थान की योजनाओं को शुरू करवाया है।
मुख्यमंत्री ने पहले सेलर गौठान में वर्मी टांका, नाडेप टांका, मशरूम उत्पादन, मुर्गी पालन, बतख पालन, मछली पालन सहित अन्य संचालित गतिविधियों का निरीक्षण कर महिला स्व-सहायता समूहों से बातचीत कर उनका उत्साहवर्धन किया और उन्हें इन आर्थिक गतिविधियों से हो रहे फायदे के संबंध में जानकारी ली।
मुख्यमंत्री बघेल को गौठान पहुंचने पर ग्रामीणों खमरी पहनाकर एवं हल भेंट कर आत्मीय स्वागत किया। इस दौरान ग्रामीणों ने गेंदे के फूलों से वर्षा कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया।