पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेता शाह महमूद कुरैशी की बुधवार को गिरफ्तारी का वीडियो वायरल हो रहा है।
दरअसल, कुरैशी सीक्रेट लेटर केस (सायफर) में जेल में थे। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पिछले हफ्ते बेल दी थी। बुधवार को रिहाई के वक्त वो जेल के गेट पर पहुंचे तो वहां पुलिस मौजूद थी। कुरैशी मीडिया को करीब बुलाकर भाषण देने लगे। पुलिस अफसरों से यह बर्दाश्त नहीं हुआ और वो कुरैशी को दौड़ाते और करीब-करीब घसीटते हुए वैन तक ले गए।
वैन के गेट पर भी इमरान के इस करीबी नेता का जोश ठंडा नहीं पड़ा और वो लगातार भाषण देने की कोशिश करते रहे। पुलिस वालों ने उन्हें जबरदस्ती वैन में बिठाया और ले गए।
रिहाई में भी देरी
कुरैशी अडियाला जेल में बंद थे। सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने उन्हें जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे। पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार ‘द डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक कुरैशी को 26 दिसंबर को रिहा किया जाना था। बहरहाल, जैसे ही सुप्रीम कोर्ट ने कुरैशी की रिहाई का आदेश दिया, वैसे ही रावलपिंडी एडमिनिस्ट्रेशन ने उनको 15 दिन हिरासत में रखने के ऑर्डर जारी कर दिए।
‘जियो न्यूज’ के मुताबिक कुरैशी को 9 मई की हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया है। इसके लिए मेंटेनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर (MPO) कानून का इस्तेमाल किया गया। आसान भाषा में समझें तो इस कानून के तहत सिर्फ उन लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है, जिनसे शांति भंग होने का खतरा हो।
बहरहाल, रिहाई के वक्त कुरैशी दो बैग लेकर जेल के मेन गेट पर पहुंचे तो वहां रावलपिंडी पुलिस के आला अफसर मौजूद थे। कुरैशी खतरा भांप गए। उन्होंने दूर खड़े मीडिया पर्सन्स को जोर-जोर से आवाज लगाकर करीब बुलाया और स्पीच देने लगे।
कुरैशी बोले- सुप्रीम कोर्ट का मजाक बना दिया
कुरैशी ने कहा- कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का मजाक बना दिया है। मेरी रिहाई का आदेश तीन जजों की स्पेशल बेंच ने दिया है। ये देखिए ऑर्डर की कॉपी। मुझे अब बोगस केस में फंसाया जा रहा है।
अब समझिए असल में माजरा क्या है
पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी PTI इस वक्त केयरटेकर गवर्नमेंट और फौज के निशाने पर है। 2018 में इमरान को सत्ता तक फौज ने ही पहुंचाया था। हालांकि, ISI चीफ के अपॉइंटमेंट समेत कई मुद्दों पर उनकी फौज से ठन गई। अप्रैल 2022 में फौज के इशारे पर विपक्ष एकजुट हुआ और ड्रामाई अदाज में खान की सरकार कथित अविश्वास प्रस्ताव के जरिए गिरा दी गई।
इसके बाद कई दलों ने मिलकर पाकिस्तान डेमोक्रेटिक फ्रंट (PDM) बनाया और शाहबाज शरीफ की अगुआई में सरकार बनाई। अगस्त में इसका भी टेन्योर पूरा हो गया तो अनवार-उल-काकर की लीडरशिप में केयरटेकर सरकार आ गई।
यह सरकार 8 फरवरी 2024 को होने वाले जनरल इलेक्शन तक रहेगी। फौज चाहती है कि करीब चार साल बाद ब्रिटेन से लौटे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ही चौथी बार प्रधानमंत्री बनें। लिहाजा, खान और उनकी पार्टी PTI के तमाम नेताओं को या तो पार्टी छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा है या उन्हें किसी न किसी केस में सींखचों के पीछे भेजा रहा है। कुरैशी भी इन्हीं नेताओं में से एक हैं।