वॉशिंगटन। चीन और अमेरिका के बीच तनाव का असर अब राजनयिक रिश्तों पर दिखने लगा है। चीन में अमेरिका के राजदूत टेरी ब्रान्स्टेड इस्तीफा देने जा रहे हैं। टेरी पिछले 3 साल से बीजिंग में थे। बताया जा रहा है कि टेरी नवंबर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले स्वदेश लौट आएंगे। अमेरिकी राजदूत का यह इस्तीफा ऐसे समय पर होने जा रहा है जब दोनों ही देशों के बीच कई मोर्चों पर तनाव चरम पर है। चीन ने ऐलान किया है कि अमेरिका की तरह वह भी अपने देश में अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के सोमवार को किये गये ट्वीट के आधार पर ऐसे संकेत मिले थे कि चीन में अमेरिकी राजदूत टेरी ब्रान्स्टेड अपना पद छोड़ रहे हैं।
पोम्पिओ ने तीन साल से अधिक समय तक सेवा के लिए ट्विटर पर राजदूत ब्रान्स्टेड को धन्यवाद दिया। हालांकि अमेरिकी विदेश विभाग से इसकी तत्काल पुष्टि नहीं हो सकी है। अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन ने दावा किया कि टेरी जल्द इस्तीफा देंगे। इससे पहले पोम्पिओ ने लिखा, राजदूत ब्रान्स्टेड ने अमेरिका-चीन संबंधों को पुनर्जीवित करने में योगदान दिया है ताकि यह परिणामोन्मुखी, पारस्परिक और निष्पक्ष हो। ब्रान्स्टेड उस समय एक विवादों में आ गये थे जब चीन के सरकारी समाचार पत्र पीपुल्स डेली ने उस लेख (कॉलम) को खारिज कर दिया था जो उन्होंने दिया था। पोम्पिओ ने पिछले सप्ताह ट्वीट किया था कि चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने ब्रान्स्टेड के लेख को प्रकाशित करने से मना कर दिया, जबकि अमेरिका में चीनी राजदूत किसी भी अमेरिकी मीडिया आउटलेट में प्रकाशित कराने के लिए स्वतंत्र हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने इसके जवाब में कहा था कि ब्रान्स्टेड का लेख खामियों से भरा हुआ था, तथ्यों के साथ गंभीर रूप से असंगत था और चीन पर हमला करता हुआ प्रतीत हो रहा था।