यूक्रेनी सेना रूसी कब्जे वाले ऍव्दिइव्का शहर से पीछे हट गई है। यूक्रेनी सेना के जनरल ऑलेक्जेंडर टार्नवस्की ने कहा- यहां हालात बहुत ज्यादा बिगड़ गए हैं। दुश्मन देश की सेना (रूसी सेना) हमारे सैनिकों से साथ अपने सैनिकों को भी मार रही है। सैनिक अपने साथियों को नहीं पहचान पा रहे हैं। ऐसे में यूक्रेनी सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला किया गया है।
उन्होंने कहा- ऍव्दिइव्का शहर में हालात बहुत खराब हैं। हमें हमारे सैनिकों की चिंता है। हम नहीं चाहते की वो जान दे दें। सैनिकों को बचाने के लिए उन्हें वापस बुलाया गया है। यही सही फैसला है। इन सैनिकों को हम उन इलाकों में तैनात करेंगे जहां हालात काबू में हों और रूसी सैनिकों की हार हो रही हो।
जेलेंस्की ने कहा था- हार नहीं मानेंगे
एक तरफ जेलेंस्की कहते हैं कि वो हार नहीं मानेंगे। दूसरी तरफ आर्मी ही सैनिकों को वापस बुला रही है।
नवंबर 2023 में जेलेंस्की ने व्हाइट हाउस में प्रेसिडेंट जो बाइडेन से मुलाकात की थी। इसके बाद मीडिया से बातचीत में कहा था- कई देश कह रहे हैं कि यूक्रेन घुटने टेक दे और रूसी कब्जे को कबूल कर ले। ये बात बहुत गलत है ऐसा कहने वाले लोग पागल हैं। यूक्रेन क्यों हार मान जाए? यहां लोग रहते हैं। बच्चे हैं, महिलाएं हैं, परिवारों की यादें हैं। हम अपनी जमीन आतंकियों को नहीं देंगे। यूक्रेन के लोग आखिरी सांस तक जंग लड़ेंगे।
यूक्रेन के पास भी अब सैनिकों की कमी
रूस पर इस जंग का ज्यादा असर नहीं हुआ, लेकिन यूक्रेन को जबरदस्त नुकसान हुआ है। इसके अलावा लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी भी तबाह होती जा रही है। यूक्रेन के मिलिट्री एक्सपर्ट भी मानने लगे हैं कि यह जंग फिलहाल खत्म होने की कोई उम्मीद नहीं है।
यूक्रेन के पास भी अब सैनिकों की कमी होने लगी है। पिछले साल जब जंग शुरू हुई थी तो आम लोग भी फौज में शामिल होने के लिए आने लगे थे, हालांकि वक्त गुजरने के साथ अब सैनिकों की कमी होने लगी है। इसके अलावा देश के कई अहम हिस्सों पर रूसी सेना का कब्जा हो चुका है।
पिछले हफ्ते जरूर यूक्रेनी मीडिया ने दावा किया था कि एयरफोर्स ने रूस का एक फाइटर जेट गिरा दिया है। इसके बावजूद यूक्रेन के कई हिस्से ऐसे हैं, जिनको उसकी फौज रूस से वापस नहीं ले सकी है।