जिला मुख्यालय से तकरीबन 12 किलोमीटर दूर स्थित बनकर तैयार हुई रीवा हवाई पट्टी प्रदेश का छठवीं हवाई पट्टी बनने जा रही है। रीवा एयरपोर्ट के निर्माण से रीवा ही नहीं पूरे विंध्य के विकास को नया आयाम मिलेगा। हवाई सेवा की सुविधा से विंध्य में औद्योगिक विकास, सांस्कृतिक गतिविधियों, पर्यटन, कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी से विकास होगा।
शुरुआत में रीवा एयरपोर्ट वे दो फ्लाइट्स चलेंगी। इसमें एक भोपाल से खजुराहो होते हुए रीवा पहुंचेगी, इसके बाद सिंगरौली जाएगी। वहीं दूसरी रीवा से जबलपुर होते हुए भोपाल जाएगी। अभी फ्लाय बिग नाम की कंपनी के 19 सीटर विमान यहां चलेंगे। 5 नवंबर को 72 सीटर विमानों के लिए बिड होगी।
शिलान्यास से लेकर अब तक का सफर
रीवा की चोरहटा हवाई पट्टी का विस्तार करके रीवा एयरपोर्ट का निर्माण किया गया है। रीवा एयरपोर्ट का शिलान्यास 15 फरवरी 2023 को किया गया था। इसके निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण द्वारा लगभग डेढ़ साल में रीवा एयरपोर्ट का निर्माण का कार्य पूरा कर दिया गया है।
निर्माण के लिए 323 एकड़ जमीन भारतीय विमान प्राधिकरण को 99 वर्ष की लीज में दी गई है। इसमें ग्राम चोरहटी, उमरी, चोरहटा, अगडाल तथा पतेरी की भूमि शामिल हैं। वर्तमान हवाई पट्टी की चौड़ाई दोनों ओर 3.5 मीटर बढ़ाई गई है। रनवे का विस्तार करके इसे 2300 मीटर का बनाया गया है।
साथ ही दोनों ओर 30-30 मीटर की बैकप लेंथ भी है। एयरपोर्ट में हवाई टर्मिनल बिल्डिंग, एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर तथा सुरक्षा के लिए बाउंड्रीबाल का निर्माण पूरा हो गया है।
हवाई सेवा शुरू हो जाने से रीवा ही नहीं पूरे विंध्य के उद्योग, पर्यटन, शिक्षा, उपचार सुविधा तथा अन्य क्षेत्रों में विकास के नये अवसर मिलेंगे। पूरे विंध्य के विभिन्न जिलों के निवासी नौकरी, चिकित्सा, व्यापार, शिक्षा, पर्यटन तथा व्यावसायिक कार्यों से देश के बड़े शहरों की यात्रा करते हैं।
विंध्य के कई हजार विद्यार्थी भोपाल, इंदौर, पुणे, हैदराबाद, बंगलौर जैसे बड़े शहरों में अध्ययन कर रहे हैं। इस क्षेत्र के कई व्यक्ति विभिन्न व्यावसायिक संस्थानों और कंपनियों में ऊंचे पदों पर कार्य कर रहे हैं। विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले लोगों के लिए एयरपोर्ट शुरू होने पर रीवा हवाई मार्ग से पहुंचना आसान हो जाएगा।
एयरपोर्ट के शुरू होने से देश के ऊर्जा केन्द्र सिंगरौली, सीमेंट हब सतना और सीधी, मैहर, मऊगंज आदि जिलों के निवासियों को भी देश के प्रमुख स्थलों से हवाई मार्ग से जुड़ने की सुविधा मिल जाएगी। विंध्य में खनिज संपदा तथा वन संपदा अपार है। यहाँ उद्योगों के विकास और पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं।