वहीं, अकेले साइबर क्राइम सेल में इसी दौरान पांच हजार 463 केस दर्ज हो चुकी हैं। यह कुल अपराधों का 27% है। यह स्थिति तब है, जब हर साइबर अपराध थाने तक नहीं पहुंच पाता है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस साल दर्ज 14 हजार से अधिक मामलों में चोरी, ठगी, छिनैती, जेबकतरी जैसे वित्तीय अपराधों के मामले केवल एक हजार के करीब हैं।
मगर, साइबर क्राइम सेल में जो पांच हजार से अधिक केस आए हैं, उनमें चार हजार मामलों में तो पीड़ित के खातों से रकम उड़ा ली गई है। चोरी, ठगी और छिनैती जैसे वित्तीय अपराधों की तुलना में साइबर ठगों ने सैकड़ों गुना अधिक रकम चुराई है।
यह ठगी कितनी तेजी से बढ़ी है, इसका अंदाजा आप ऐसे लगाइए कि 2019 में भोपाल में दो हजार 792 एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसमें एक करोड़ 48 लाख रुपये की ठगी का ब्यौरा था। इस साल के 10 महीनों में ही पांच हजार 491 केस दर्ज हो चुके, जिसमें 55 करोड़ 88 लाख रुपयों की ठगी हुई है। इस साल ठगी जा चुकी रकम 2019 की तुलना में 3800% ज्यादा है।