Select Date:

इस बार खोज स्वयं की..

Updated on 14-10-2023 12:19 PM
बात उन दिनों की है, जब मेरी तबियत खराब होने की वजह से मैं तीन दिनों के लिए घर पर ही था। मेरी पत्नी समय-समय पर मेरे लिए, हर वह चीज जिसकी मुझे जरूरत पड़ सकती थी, उसके साथ उपस्थित रहती थी। मैं व्यवसायिक हूँ, मेरे लिए घर पर रहना मुश्किल हो रहा था, जिसकी वजह से थोड़ी बहुत नोंक-झोंक पत्नी जी के साथ हो ही रही थी। 

इस दरम्यान किसी बात पर उन्होंने कह यह दिया कि तुम सबसे झगड़ते हो, तुम्हारी किसी से नहीं बनती। यह बात मुझे बहुत बुरी लगी और मैं कई दिनों तक यही सोचता रहा कि क्या यह सच है? क्या सच में मैं ऐसा हूँ? यह उत्तर खोजने के लिए मेरा अंतर्द्वंद्व चलता रहा। मैंने खुद में गहराई से झाँका और जिन बातों से मेरे इर्द-गिर्द लोगों को परेशानी हो रही थी, उन सबके बारे में विचार किया। खुद को खँगालने के बाद बहुत-सी बातें मुझे मेरे भीतर ही मिलती चली गईं, जो एहसास होने पर मुझे भी गलत लगीं। मैंने सुधार के लिए खुद पर काम करना शुरू किया, जिसका बदलाव मुझे कुछ समय बाद स्वयं ही महसूस हुआ। यहाँ मैंने जाना कि खुद को बेहतर बनाने के लिए पहले खुद को जान लेना जरूरी है।

अब बात आती है बुरा लगने की। यदि किसी ने कह भी दिया कि तुम बुरे हो, तो मुझे यह बात बुरी लगी क्यों? क्योंकि मैंने यह बात मान ली। किसी ने अच्छा कहा, तो भी झट से मान लिया और बुरा कहा, तो भी.. क्या स्वयं से पूछा कि तुम क्या हो?

बात बड़ी साधारण-सी है, जब तक हम स्वयं को नहीं जान लेते, दूसरे हमें कैसे जान सकते हैं? हम क्या हैं, यह सबसे पहले हमें पता होना चाहिए। और जब हम खुद को नहीं जानते, तो दूसरों को भला कैसे जानेंगे? लेकिन होता इसका उलट है। लोग दूसरों के बारे में जानने को ज्यादा उत्सुक हैं, जबकि कभी अपने स्वयं के बारे में इतना जानने के लिए उत्सुक नहीं होते दिखाई पड़ते। आखिर क्यों? इसके पीछे मुझे एक कारण समझ में आता है। वह यह कि जब भी बात स्वयं की आती है, तब हम अहंकारी हो जाते हैं कि हम तो स्वयं को भली-भाँति जानते हैं, मेरा नाम फलां है, मैं फलां अधिकारी हूँ, या मैं यह कार्य करता हूँ। देखते ही देखते हो गया परिचय पूरा.. 

यह अहंकार ही है, जो हमें खुद को जानने से रोकता है। लेकिन जब बात दूसरे की आती है, तो भी अहंकार ही सबसे पहले आता है। जैसे उदाहरण के तौर पर, आपको पता चला किसी ने घर ले लिया या गाड़ी ले ली, तो हम तुरंत उसके विषय में जानने को तत्पर हो जाएँगे और मन में प्रश्न आ जाएगा कि आखिर कैसे? हमारी सोच उसमें थोड़ी भी कमतर दिखाई दे, तो भी अहंकार तुरंत बोल पड़ेगा कि जरूर कुछ उल्टे-सीधे काम किए होंगे तभी सफल हो पाया। यह भावना ही अहंकार से भरी है। 

यह बात और है कि आपको वह अहंकार दिखाई नहीं पड़ता, लेकिन दूसरों को अवश्य ही दिखाई दे जाता है। यह अहंकार ही है जिसके कारण आप किसी की निंदा करते हैं और फिर उसके शत्रु बन जाते हैं। कुल मिलाकर, यह कहना बिल्कुल ठीक होगा कि आपका यदि कोई शत्रु है, तो वह हैं आप खुद, या फिर यूँ कह लें कि आपका अहंकार। 

मैंने ओशो के एक प्रवचन में सुना था, "बुद्ध के पहले भी कई ज्ञानी हो चुके हैं। फिर बुद्ध ने उनके ज्ञान को क्यों नहीं मान लिया। महावीर के पहले भी कई ज्ञानी रह चुके हैं। महावीर ने खुद की खोज क्यों की, अपने से पहले के ज्ञानियों के ज्ञान को ही मान लेते? क्या क्राइस्ट के पहले दुनिया में जागे हुए पुरुष नहीं हुए थे? क्राइस्ट फिजूल ही परेशान हुए और श्रम उठाया, सीधे उनकी बात मान लेते और समाप्त हो जाती बात। 

लेकिन आज तक दुनिया में जिन्होंने भी सत्य को खोजा है, उन्हें स्वयं ही खोजना पड़ा है, किसी का उधार सत्य कभी-भी नहीं चल सका है। और हम सारे लोग उधार सत्यों को मान कर बैठे हैं। दूसरे का ज्ञान, मेरा ज्ञान कैसे हो सकता है? दूसरे की आत्मा मेरी आत्मा कैसे बन सकती है? दूसरे का जानना मेरा जानना कैसे हो सकता है?" इसलिए स्वयं की खोज अत्यंत आवश्यक है, बिना स्वयं को खोजे हम कुछ भी नहीं जान सकते।
- अतुल मलिकराम , लेखक,(राजनीतिक रणनीतिकार)


अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 30 April 2025
पाकिस्तान को हमेशा गद्दारी करने पर भी भारत ने बड़ा हृदय रखकर क्षमादान परंतु पाकिस्तान हमेशा विश्वास घाट पर आतंकवादी षड्यंत्र किए  पाकिस्तान ने हमारी सहनशक्ति के अंतिम पड़ाव पर…
 27 April 2025
12 सबसे बेहतरीन विरासतें..1. बुद्धिमत्ता (Wisdom)बुद्धिमत्ता स्कूलों में नहीं सिखाई जाती, यह जीवन के अनुभवों से प्राप्त होती है। माता-पिता ही सबसे अच्छे शिक्षक होते हैं। अपने बच्चों को मार्गदर्शन…
 24 April 2025
सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल में विधानसभाअों द्वारा पारित विधेयको को सम्बन्धित राज्यपालों द्वारा अनंत काल तक रोक कर ‘पाॅकेट वीटो’ करने की प्रवृत्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय…
 17 April 2025
रायपुर I छत्तीसगढ़ ने वित्तीय वर्ष 2025 में औद्योगिक निवेश के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रोजेक्ट टूडे सर्वे द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 218 नई…
 14 April 2025
भारतीय संविधान के शिल्पी डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन से जुड़ा एक रोचक प्रसंग याद आता है जब एक बार विदेशी पत्रकारों का प्रतिनिधि मंडल भारत भ्रमण पर आया। यह प्रतिनिधि…
 13 April 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों यानी इंडिया ब्लाक पर हमला करते हुए कहा है कि विपक्ष का एकमेव लक्ष्य परिवार का साथ और परिवार का विकास है। मध्यप्रदेश के…
 11 April 2025
महात्मा फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को महाराष्ट्र के सतारा में हुआ था।  ज्योतिबा फुले बचपन से ही सामाजिक समदर्शी तथा होनहार मेधावी छात्र थे,  आर्थिक कठिनाइयों के कारण …
 10 April 2025
मप्र के छतरपुर जिले के गढ़ा ग्राम स्थि‍त बागेश्वर धाम के स्वयंभू पीठाधीश पं.धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने अपने इलाके में ‘पहला हिंदू ग्राम’ बसाने का ऐलान कर नई बहस को…
 06 April 2025
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दावा किया है कि बीते वित्तीय वर्ष में उनकी सरकार ने आठ साल पुरानी देनदारियां चुकाई हैं। उनका कहना है कि यह सब…
Advertisement