Select Date:

प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना का लक्ष्य एक करोड़ घरों की छतों (रूफटॉप) पर लगेंगे सोलर पैनल

Updated on 28-01-2024 09:36 AM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 22 जनवरी को प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना की शुरुआत की घोषणा की। इस योजना का लक्ष्य एक करोड़ घरों की छतों (रूफटॉप) पर सोलर पैनल लगाने की है। इस नीति की विस्तृत जानकारी अभी सामने आनी है लेकिन इसका व्यापक लक्ष्य एकदम स्पष्ट है: गरीब और मध्य वर्ग के परिवारों को स्वच्छ और सस्ती बिजली मुहैया कराना। सबसे बढ़कर यह कि छतों पर लगने वाले सौर ऊर्जा उपकरण सबको बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य हासिल करने का एक अहम जरिया है। ऐसा इसलिए कि पारंपरिक बिजली उत्पादन मॉडल की तरह इसमें अंतिम छोर तक अधोसंरचना की उतनी जरूरत नहीं होती। यह अक्षय ऊर्जा को लेकर देश की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता के निबाह की दृष्टि से भी उपयोगी कदम होगा। भारत का लक्ष्य अपनी स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता का 50 फीसदी अक्षय बिजली उत्पादन स्रोतों से हासिल करने का है। परंतु इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए नई योजना को उन चुनौतियों से भी पार पाना होगा जो छतों पर सौर ऊर्जा उपकरण लगाने के क्षेत्र में आरंभ से ही देखने को मिल रही हैं। सूर्योदय योजना 2010 से अब तक घोषित चौथी ऐसी योजना है जो छतों पर सौर ऊर्जा पैनल लगाने से संबंधित है। 2010 में सबसे पहले जवाहरलाल नेहरू नैशनल सोलर मिशन की स्थापना की गई थी। वर्ष 2015 में एक अन्य योजना की घोषणा की गई ताकि आम परिवारों तथा बिजली वितरण कंपनियों को ऐसी परियोजनाओं को लेकर प्रोत्साहित किया जा सके। सरकार ने 2017 में सोलर ट्रांसफिगरेशन ऑफ इंडिया (सृष्टि) योजना की शुरुआत की। इसका इरादा वित्तीय प्रोत्साहन की मदद से रूफटॉप सोलर योजनाओं के लिए वितरण कंपनियों को नोडल एजेंसी के रूप में मजबूती प्रदान करना था।

बहरहाल, 13 सालों के इस नीतिगत समर्थन का परिणाम यह हुआ है कि ग्रिड से संबद्ध रूफटॉप सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता 40 गीगावॉट के लक्ष्य के बजाय केवल 11 गीगावॉट तक पहुंची है। यह लक्ष्य भी 2022 से आगे बढ़ाकर 2026 कर दिया गया है। अब तक 70,000 से 80,000 घर सौर ऊर्जा पैनलों की मदद से रोशन हैं। रूफटॉप सोलर सिस्टम को बड़े पैमाने पर अपनाए जाने की राह में तीन बड़ी बाधाएं हैं: जागरूकता की कमी, ऊंची लागत और वित्तीय विकल्पों की कम उपलब्धता तथा वितरण कंपनियों की ऐसी परियोजनाओं को क्रियान्वित करने के प्रति अनिच्छा। ऐेसे में सूर्योदय योजना की सफलता के लिए लोगों को इसके लाभ के बारे में यकीन दिलाना होगा। परंतु ऐसा करने के लिए पहले कई सफल योजनाओं का उदाहरण पेश करना होगा। मिसाल के तौर पर लागत की बात करें तो छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की लागत 2.2 लाख रुपये से 3.5 लाख रुपये तक आ सकती है। केवल अमीर और उच्च मध्य वर्ग के लोग ही कुछ हद तक वित्तीय विकल्पों तक पहुंच बना सकते हैं क्योंकि अधिकांश भारतीय परिवार कम खपत वाले दायरे में आते हैं। ऐसे लोगों के लिए रूफटॉप सोलर सिस्टम तभी कारगर साबित हो सकता है जब उन्हें भारी भरकम सब्सिडी प्रदान की जाए। बिजली वितरण कंपनियों की अनिच्छा में भी इस वित्त की अहम भूमिका है। अधिकांश लोगों को डर है कि नेट मीटरिंग सिस्टम के कारण उच्च मूल्य ग्राहकों से राजस्व को क्षति होगी और उनकी पहले से खस्ता वित्तीय स्थिति पर और बुरा असर होगा। नेट मीटरिंग बिलिंग की एक प्रणाली है जो सौर ऊर्जा प्रणालियों के मालिकों को ग्रिड में बिजली मुहैया कराने के बदले क्रेडिट प्रदान करती है। सूर्योदय योजना पहली ऐसी योजना है जिसमें उत्पादित बिजली के बजाय परिवारों की संख्या का लक्ष्य तय किया गया है। कुल आंकड़ा महत्त्वाकांक्षी प्रतीत होता है लेकिन यह बहुत अधिक नहीं है क्योंकि इस क्षेत्र में बहुत अधिक संभावनाएं हैं। स्वतंत्र थिंक टैंक काउंसिल ऑन एनर्जी, एन्वॉयरनमेंट ऐंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के 25 करोड़ घरों में यह क्षमता है कि वे अपनी छतों पर 637 गीगावॉट सौर ऊर्जा स्थापित कर सकें। निश्चित तौर पर अब सरकार के पास शौचालय, पेयजल और घरेलू गैस के रूप में घरेलू बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के क्रियान्वयन का अनुभव है लेकिन रूफटॉप सौर ऊर्जा को कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवारों तक लाने के लिए नए तरह की चुनौतियों को हल करना होगा।


अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 03 May 2025
केन्द्र मोदी सरकार द्वारा विपक्ष के दबाव के चलते इस साल देश में जाति गणना कराने के फैसले के साथ ही मंडल राजनीति 3.0 का आगाज भी हो गया है।…
 30 April 2025
पाकिस्तान को हमेशा गद्दारी करने पर भी भारत ने बड़ा हृदय रखकर क्षमादान परंतु पाकिस्तान हमेशा विश्वास घाट पर आतंकवादी षड्यंत्र किए  पाकिस्तान ने हमारी सहनशक्ति के अंतिम पड़ाव पर…
 27 April 2025
12 सबसे बेहतरीन विरासतें..1. बुद्धिमत्ता (Wisdom)बुद्धिमत्ता स्कूलों में नहीं सिखाई जाती, यह जीवन के अनुभवों से प्राप्त होती है। माता-पिता ही सबसे अच्छे शिक्षक होते हैं। अपने बच्चों को मार्गदर्शन…
 24 April 2025
सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल में विधानसभाअों द्वारा पारित विधेयको को सम्बन्धित राज्यपालों द्वारा अनंत काल तक रोक कर ‘पाॅकेट वीटो’ करने की प्रवृत्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय…
 17 April 2025
रायपुर I छत्तीसगढ़ ने वित्तीय वर्ष 2025 में औद्योगिक निवेश के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रोजेक्ट टूडे सर्वे द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 218 नई…
 14 April 2025
भारतीय संविधान के शिल्पी डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन से जुड़ा एक रोचक प्रसंग याद आता है जब एक बार विदेशी पत्रकारों का प्रतिनिधि मंडल भारत भ्रमण पर आया। यह प्रतिनिधि…
 13 April 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों यानी इंडिया ब्लाक पर हमला करते हुए कहा है कि विपक्ष का एकमेव लक्ष्य परिवार का साथ और परिवार का विकास है। मध्यप्रदेश के…
 11 April 2025
महात्मा फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को महाराष्ट्र के सतारा में हुआ था।  ज्योतिबा फुले बचपन से ही सामाजिक समदर्शी तथा होनहार मेधावी छात्र थे,  आर्थिक कठिनाइयों के कारण …
 10 April 2025
मप्र के छतरपुर जिले के गढ़ा ग्राम स्थि‍त बागेश्वर धाम के स्वयंभू पीठाधीश पं.धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने अपने इलाके में ‘पहला हिंदू ग्राम’ बसाने का ऐलान कर नई बहस को…
Advertisement