Select Date:

इस गुफा में मौजूद है कलयुग का रहस्य

Updated on 21-09-2022 04:41 PM
कुमाऊं मंडल के गंगोलीहाट में स्थित एक प्राचीन गुफा के बारे में धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि इस गुफा में प्रलय का रहस्य छिपा है। गुफा का नाम पाताल भुवनेश्वरी है। यहां तेतीस करोड़ देवी-देवताओं की मूर्तिया प्रतिष्ठित हैं। गुफ़ा में मौजूद मंदिर भगवान शिव का है।
हिंदू पुराणों के अनुसार चारों युगों में से आखरी युग कलयुग को माना गया है। अक्सर साइंटिस्ट इस युग के खत्म होने के बार-बार संकेत देते हैं। मगर आज भी दुनिया कायम है। मगर धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कलयुग के खत्म होने के पुख्ता सबूत उत्तराखंड में स्थित एक गुफा में मिलते हैं। तो क्या है इसका रहस्य आइए जानते हैं।
उत्तराखंड के कुमाऊ के अल्मोड़ा शहर से शेराघाट होते हुए करीब 160 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस जगह का नाम गंगोलीहाट है। ये गुफा कई पहाड़ियों से मिले एक विशालकाय चट्टान के बीच स्थित है। ये गुफा 160 मीटर लंबी एवं 90 मीटर गहरी है।
इस गुफा की खोज त्रेतायुग में हुई थी। इसका पता सबसे पहले सूर्य वंश के राजा ऋतुपर्णा ने लगाया था। वो एक हिरण का पीछा करते हुए यहां तक पहुंचे थे। इस गुफा को पाताल भुवनेश्वर गुफा के नाम से भी जाना जाता है।
एक अन्य धार्मिक ग्रंथ के अनुसार त्रेतायुग के बाद द्वापर युग में भी इस गुफा का रहस्य सामने आया था। उस दौरान महाभारत के युद्ध के कई सालों बाद जब पांडव राजपाट छोड़कर स्वर्ग जा रहे थे।
बताया जाता है कि इस गुफा में चारों युगों के प्रतीक के रूप में चार पत्थर मौजूद है। इनमें एक पत्थर कलयुग का भी है। ये पत्थर धीेरे-धीरे ऊपर उठ रहा है। माना जाता है कि जिस दिन यह कलियुग का प्रतीक पत्थर दीवार से टकरा जायेगा उस दिन कलियुग का अंत हो जाएगा।
पत्थरों के अलावा इस गुफा में भगवान गणेश का कटा हुआ सिर भी मौजूद हैं। जिसकी रक्षा 33 कोटि देवी-देवता कर रहे हैं। बताया जाता है कि पांडव यहां से गुजरते वक्त गणेश से जाने की अनुमति लेने आए थे।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक गुफा में भगवान गणेश का सिर होने की बात कलयुग में गुरु आदिशंकराचार्य ने बताई थी। उनके खोज के मुताबिक यहां गौरी पुत्र गणेश का सिर एक पत्थर के रूप में विराजमान है। जिसके उपर 108 पंखुड़ियों वाला शवाष्टक दल ब्रह्मकमल के रूप की एक चट्टान है।
इस ब्रह्मकमल से पानी निकलता है जो भगवान गणेश के शिलारूपी मस्तक पर गिरती हैं। जबकि सिर से होते हुए पानी की दिब्य बूंद गणेश जी के मुख से निकलती हुई दिखती है। मान्यता है कि यह ब्रह्मकमल भगवान शिव ने ही यहां स्थापित किया था।
माना जाता है कि यह गुफा कैलाश पर्वत तक जाती है। जबकि कुछ विद्वानों के अनुसार इस गुफा का एक छोर पाताल तक मौजूद है। ये गुफा बहुत बड़ी और गहरी होने के चलते इसके अंदर तक कोई नहीं जाता है। लोगों के दर्शन के लिए केवल इसका ऊपरी हिस्सा ही खोला गया है। जबकि शेष गुफा में लोहे की जंजीरें पड़ी हुई हैं।
ये गुफा कला की दृष्टि से भी बहुत श्रेष्ठ है। इसकी चट्टानों में शेषनाग के फनों की तरह उभरी संरचनाएं हैं। मान्यता है कि धरती इसी पर टिकी हुई है। इसके अलावा गुफा की छत पर एक धन की आकृति नजर आती है। साथ ही गुफा के भीतर मुड़ी गर्दन वाला हंस एक कुण्ड के ऊपर बैठा दिखाई देता है।
पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार माता पार्वती ने अपने मैल से गणेश जी को बनाया था। उनकी आज्ञा का पालन करते हुए गणेश ने भगवान शिव को रोकने की कोशिश की थी। तभी क्रोध में आकर शिव ने गणेश का मस्तक अपने त्रिशूल से उनका मस्तक काट दिया था।

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 17 November 2024
वारः रविवारविक्रम संवतः 2081शक संवतः 1946माह/पक्ष: मार्गशीष (अगहन) मास – कृष्ण पक्षतिथि: द्वितीया तिथि शाम 9 बजकर 06 मिनट तक तत्पश्चात तृतीय रहेगी.चंद्र राशि: वृष राशि रहेगी .चंद्र नक्षत्र: रोहिणी नक्षत्र शाम 5 बजकर 22 मिनट तक…
 16 November 2024
वारः शनिवार, विक्रम संवतः 2081,शक संवतः 1946,माह/पक्ष: मार्गशीष (अगहन) मास – कृष्ण पक्ष,तिथि : प्रतिपदा तिथि रात 11 बजकर 50 मिनिट तक तत्पश्चात द्वितीया रहेगी.चंद्र राशि : वृष राशि रहेगी ,चंद्र…
 15 November 2024
हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का अधिक महत्व माना गया है और इस दिन गंगा स्नान करने का विधान होता है. स्नान के बाद दान करना बहुत ही फलदायी माना…
 15 November 2024
देव दीपावली का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन सभी देवी-देवता धरती पर आकर गंगा घाट पर दिवाली…
 15 November 2024
वारः शुक्रवारविक्रम संवतः 2081शक संवतः 1946माह/पक्ष: कार्तिक मास – शुक्ल पक्षतिथि: पूर्णिमा तिथि रहेगी.चंद्र राशि: मेष राशि रहेगी.चंद्र नक्षत्र : भरणी नक्षत्र रात्रि 9:54 मिनट तक तत्पश्चात कृतिका नक्षत्र रहेगा.योगः व्यातिपात योग रहेगा.अभिजित मुहूर्तः दोपहर 11:40 से 12:25दुष्टमुहूर्त: कोई नहीं.सूर्योदयः प्रातः…
 14 November 2024
बैकुंठ चतुर्दशी का पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है, जो इस बार 14 नवंबर 2024 को है. यह दिन विशेष रूप…
 14 November 2024
14 नवंबर को कार्तिक शुक्ल पक्ष की उदया तिथि त्रयोदशी और गुरुवार का दिन है। त्रयोदशी तिथि आज सुबह 9 बजकर 44 मिनट तक रहेगी, उसके बाद चतुर्दशी तिथि लग…
 13 November 2024
वारः बुधवारविक्रम संवतः 2081शक संवतः 1946माह/पक्ष: कार्तिक मास – शुक्ल पक्षतिथि: द्वादशी दोपहर 1 बजकर 01 मिनट तक तत्पश्चात त्रियोदशी रहेगी.चंद्र राशिः मीन राशि रहेगी .चंद्र नक्षत्रः रेवती नक्षत्र रहेगा.योगः…
 12 November 2024
वारः मंगलवारविक्रम संवतः 2081शक संवतः 1946माह/ पक्ष: कार्तिक मास – शुक्ल पक्षतिथि : एकादशी शाम 4 बजकर 04 मिनट तक रहेगी. तत्पश्चात द्वादशी रहेगी.चंद्र राशि: मीन रहेगी.चंद्र नक्षत्र : पूर्वा…
Advertisement