मध्यप्रदेश में क्रूज प्रोजेक्ट पर 100 करोड़ रुपए का निवेश होगा। अयोध्या क्रूज लाइन्स ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GSI) में प्रस्ताव दिया है। ऐसे में 135Km लंबे कुक्षी से स्टेच्यू ऑफ यूनिटी समेत 6 में से किसी एक रूट पर क्रूज पानी की लहरों पर दौड़ने लगेगा। वहीं, 70 करोड़ रुपए का निवेश वाटर एक्टिविटी पर भी किया जाएगा। खास बात ये है कि क्रूज इलेक्ट्रिक या सोलर से ही चलेंगे। डीजल इंजन वाले क्रूज-मोटर वोट्स पर एमपी में रोक लगी है।
जिस कंपनी ने एमपी में क्रूज चलाने का प्रस्ताव दिया है, उसके अभी सरयू नदी पर 2 क्रूज चल रहे हैं। वहीं, उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर जनपद में गंगा नदी के बृज घाट से राम घाट तक 2 क्रूज, हाउस बोट्स और वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी भी करने वाली है। सरयू नदी पर ही 'जटायू' क्रूज सेवा का शुभारंभ 2 साल पहले हुआ था। जिसमें नदी पर ही 2 घंटे की ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों की 2 घंटे तक यात्रा भी शामिल हैं। एमपी में नर्मदा नदी पर क्रूज के संचालन से कई धार्मिक शहर जुड़ जाएंगे।
इनमें से किसी एक रूट पर चलेगा क्रूज निवेश प्रस्ताव के अनुसार, कुल 6 क्रूज टूरिस्ट प्रोजेक्ट हैं। इनमें कुक्षी से स्टेच्यू ऑफ यूनिटी (135Km), सेलानी से धारा (30Km), राजघाट बेतवा से देओगढ़ (35Km), बरगी टिंडनी (65Km), गांधीसागर से संजीत (83Km) और तवा से मढ़ई (31Km) शामिल हैं। इनमें से चयनित रूट पर 2 क्रूज और हाउस बोट्स चलाने का प्रस्ताव है। इस पर 100 करोड़ रुपए निवेश किए जाने की बात कही गई है।
वाटर एक्टिविटी भी हो सकेगी नॉलेज मरीन एंड इंजीनियरिंग वर्क्स लिमिटेड ने वाटर एक्टिविटी पर 70 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव भी दिया है। इनमें वाटर पार्क भी शामिल हैं। यह मुंबई की शिपिंग कंपनी है।
एनजीटी ने लगाई थी रोक, इसलिए इलेक्ट्रिक या सोलर से चलाएंगे ये क्रूज और हाउस बोट्स सोलर या इलेक्ट्रिक हो सकता है, क्योंकि भोज वेटलैंड (बड़ा तालाब), नर्मदा समेत प्रदेश के किसी भी वाटर बॉडीज में क्रूज और मोटर बोट के संचालन पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने करीब डेढ़ साल पहले रोक लगाई थी। एनजीटी ने डीजल इंजन और मोटर वोट्स से पीने और सिंचाई का पानी प्रदूषित होने की बात कही थी। इसलिए जीआईएस में दिए गए प्रस्ताव में इलेक्ट्रिक और सोलर क्रूज-बोट्स का प्रस्ताव है।
भोपाल के पर्यावरणविद् सुभाष सी. पांडे ने बताया कि, नर्मदा का पानी पीने योग्य है। इसलिए यहां डीजल इंजन वाला क्रूज या बोट्स नहीं चला सकते। भोपाल के बड़ा तालाब समेत सभी वाटर बॉडी पर रोक है। हां, फोर स्ट्रॉक इंजन, इलेक्ट्रानिक या सोलर से क्रूज-बोट्स चला सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो यह पर्यटन और पर्यावरण दोनों के लिहाज से ही बेहतर होगा।
भोपाल के बड़ा तालाब में नहीं चल रहे क्रूज-जलपरी भोज वेटलैंड (बड़ा तालाब) में पिछले दो साल से क्रूज और जलपरी नहीं चल रहे हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 12 सितंबर 2023 को रोक लगाने के आदेश दिए थे। तभी से क्रूज और मोटर बोट बंद है। ऐसे में यहां अब पेडल बोट पर ज्यादा फोकस है। वहीं, सोलर बोट लगाने पर भी प्लान बन रहा है।