भारत-पाकिस्तान युद्ध की आशंका के बीच 7 मई को ब्लैक आउट के दौरान शहर के ज्यादातर इलाकों में सायरन सुनाई नहीं दिया। प्रशासन अब चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल पर लगे अनाउंसमेंट सिस्टम के जरिए सायरन बजाने की तैयारी कर रहा है। भले ही सीजफायर हो गया है, लेकिन आपात स्थिति से निपटने की शहर की तैयारी की पोल खुल गई है।
शहर में 69 चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगे हैं, जिनमें से 47 पर अनाउंसमेंट सिस्टम काम करता है। आपात स्थिति में चौराहों पर सायरन बजा, तब भी हर घर और दफ्तर तक इसकी आवाज पहुंचना मुश्किल है। स्मार्ट सिटी कंपनी ने ऐसी ही आपातकालीन परिस्थितियों के लिए 300 करोड़ रुपए का इंटिग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर(आईसीसीसी) बनाया था। इस आईसीसीसी के जरिए स्मार्ट पोल पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाया जाना था। आईसीसीसी प्रोजेक्ट पहले ही ठप हो चुका है और स्मार्ट पोल तो केवल स्ट्रीट लाइट पोल बनकर रह गए हैं।
नाकाफी... अभी 47 सिग्नल पर होता है अनाउंसमेंट, शहर में लगे हैं 69 सिग्नल
सिस्टम से जोड़ने में 1 महीना लगेगा स्मार्ट सिटी कंपनी ने शहर के सभी सिग्नल पर अनाउंसमेंट सिस्टम लगाने की कवायद शुरू कर दी है। देखा जा रहा है कि जिन 22 चौराहों पर सिस्टम नहीं है, उसे आईटीएमएस से कैसे जोड़ सकते हैं। इस प्रक्रिया में करीब एक माह का समय लगने की संभावना है।
स्मार्ट पोल पर भी नहीं मिली सुविधाएं 2017 में स्मार्ट पोल प्रोजेक्ट में दावा किया था कि स्मार्ट पोल पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिए आम जनों को आपात स्थिति की जानकारी दी जाएगी। इसमें ट्रैफिक जाम, पार्किंग की स्थिति, बाढ़ या अन्य आपात स्थिति की सूचना दी जानी थी। लेकिन यह नहीं हो सका।
यह होना था ICCC में
अनाउंसमेंट सिस्टम से सभी चौराहों को जोड़ रहे
फिलहाल स्मार्ट सिटी कंपनी के जरिए हम शहर के 69 चौराहों को अनाउंसमेंट सिस्टम से जोड़ रहे हैं। आईटीएमएस में सायरन की व्यवस्था करेंगे जो एक साथ सब जगह सुनाई देगा। आईसीसीसी और स्मार्ट पोल प्रोजेक्ट की पूरी समीक्षा की जरूरत है।
-हरेंद्र नारायण, कमिश्नर, नगर निगम