मानव तस्करी के आरोप में फ्रांस में रोके गए 303 भारतीयों में 276 मंगलवार (26 दिसंबर) को भारत लौट आए थे। अब बाकी बचे 25 भारतीयों को भी वापस भारत भेजा जाएगा। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि इन 25 भारतीयों ने फ्रांस में शरण मांगी है और वो वहीं रुक गए हैं।
न्यज एजेंसी AFP के मुताबिक, इन लोगों को भी फ्रांस के जज ने बुधवार को आजाद कर दिया। इन लोगों को औपचारिक आधार पर छोड़ा गया है। पेरिस के जज ने कहा- फ्रांस के चार्ल्स द गॉल एयरपोर्ट पर बॉर्डर पुलिस ने समय रहते कोर्ट में मामले की जानकारी नहीं दी।
समय सीमा समाप्त होने की वजह से 25 भारतीयों को मुक्त कर दिया गया। इन्हें फ्रांस में पॉलिटिकल असायलम नहीं मिल सकेगा। इनमें वो 2 लोग भी शामिल हैं, जिन पर मानव तस्करी का आरोप लगा था। दोनों लोगों को आरोपों से मुक्त कर दिया गया है।
चाइल्ड वेल्फेयर सर्विस को सौंपे गए 5 नाबालिग
जिन लोगों को छोड़ा गया है, उनमें 5 नाबालिग हैं। इन्हें चाइल्ड वेल्फेयर सर्विस को सौंपा गया है। दूसरी तरफ, मुंबई के स्पेशल IGP (इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस) दीपक पांडे ने मानव तस्करी के आरोपों की जांच करने का आदेश दिया है। उन्होंने CISF ने भी पैसेंजर्स से पूछताछ के संबंध में मुंबई पुलिस को 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
दरअसल, 22 दिसंबर को दुबई से निकारागुआ जा रहे भारतीय नागरिकों वाला विमान वाट्री एयरपोर्ट पर ईंधन भरने के लिए उतरा था। इस दौरान फ्रांस के अधिकारियों को सूचना मिली कि इसमें मानव तस्करी के पीड़ितों को ले जाया जा रहा है, जिसके बाद फ्लाइट को उड़ान भरने से रोक दिया गया था।
फ्रांस ने मानव तस्करी के मामले में जांच बंद की
फ्रेंच न्यूजपेपर ला मोंड की रिपोर्ट के मुताबिक दुबई से फ्रांस पहुंचने वाली फ्लाइट में लोग अपनी मर्जी से आए थे। इसलिए फ्रांस की पुलिस ने मानव तस्करी के एंगल से मामले की जांच बंद कर दी है। अब इसे इमिग्रेशन के कानूनों के उल्लंघन के तौर पर देखा जा रहा है।
4 दिन फ्रांस में रोके जाने के बाद प्लेन 276 भारतीयों को लेकर मंगलवार सुबह मुंबई पहुंचा। इसने 25 दिसंबर की शाम पेरिस के वाट्री एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। यह मंगलवार सुबह 4 बजे मुंबई एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। एयरपोर्ट पर पहुंचते ही CISF ने यात्रियों से पूछताछ की।
फ्रांस के जजों ने यात्रियों को लौटने की इजाजत दी
फ्रांस में विदेशी नागरिकों को 4 दिन से ज्यादा हिरासत में नहीं रख सकते। इसके लिए जज से परमिशन लेनी पड़ती है, जो उनकी हिरासत को 8 दिन बढ़ा सकते हैं। हालांकि गंभीर मामलों में हिरासत का वक्त 24 दिन भी किया जा सकता है।
24 दिसंबर को फ्रांस की एक कोर्ट के 4 जजों ने क्रिसमस की छुट्टियों में भी काम करते हुए हिरासत में रखे गए यात्रियों से पूछताछ करने के बाद विमान के रवाना होने के आदेश दिए थे। इसके बाद 25 दिसंबर को भारतीयों के प्लेन को उड़ान भरने की इजाजत दे दी गई।
मामले की जांच कर रहे एक अफसर ने कहा था- हमें शक है कि इन भारतीयों को सेंट्रल अमेरिका में किसी जगह ले जाया जाना था। यह भी मुमकिन है कि इनमें से कुछ लोग कनाडा जाना चाहते हों।