पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने 2002 में गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर हुए आतंकी हमले के मास्टरमाइंड फरहतुल्लाह गोरी का एक वीडियो रिलीज किया है। इसमें आतंकी भारत के खिलाफ जंग की घोषणा कर रहा है। गोरी लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों से जुड़ा है।
खुफिया मामलों के विशेषज्ञों के मुताबिक, गोरी के वीडियो के जरिए ISI भारत में लोकसभा चुनावों से ठीक पहले सांप्रदायिक एकता को नुकसान पहुंचाना है। खुफिया अधिकारियों के मुताबिक गोरी के सामने आने के बाद अब पाकिस्तान यह दावा कर सकता है कि आतंकी एक भगोड़ा भारतीय है जो पाकिस्तान में मौजूद नहीं है।
पिछले साल दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बताया था कि उन्होंने इस्लामिक स्टेट के जिस टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया, वो फरहतुल्लाह गोरी ही चला रहा था। वो इसमें IS के आतंकी भर्ती करने का काम करता था।
सोशल मीडिया पर मुस्लिम युवकों का ब्रेनवॉश करता है फरहतुल्लाह
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गोरी और उसकी टीम न केवल IS के नाम पर युवाओं का ब्रेनवॉश करती है, बल्कि उन्हें लुभाने के लिए जैश-ए-मोहम्मद और अल-कायदा के सोशल मीडिया पेज भी बनाती है। एक एंटी-टेरर पुलिसकर्मी ने मीडिया को बताया कि गोरी एक आतंकी फाइनेंसर के रूप में भी काम करता है और भारत में मुस्लिम युवाओं को देश के खिलाफ विद्रोह करने के लिए भड़काता है।
इसके लिए वो फेसबुक, टेलीग्राम और यूट्यूब अकाउंट्स के एक नेटवर्क का इस्तेमाल करता है। दरअसल, आतंकी फरहतुल्लाह गोरी कई सालों से गायब चल रहा था। साल 2019 में टेलीग्राम और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उसके कुछ वीडियो और मैसेज सामने आए। इसमें वो युवकों का ब्रेनवॉश करने के लिए मैसेज शेयर कर रहा था। इनमें वो अबू सूफियान और सरदार नाम से जाना जाता है।
फरहतुल्लाह दिल्ली, गुजरात और हैदराबाद की पुलिस की वॉन्टेड लिस्ट में शामिल है। गोरी ने हैदराबाद में STF के दफ्तर पर फिदायीन हमले के अलावा हैदराबाद में RSS दफ्तर समेत कई नेताओं पर आतंकी हमले करवाए थे। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक वो इस समय पाकिस्तान में मौजूद है।
भारत ने 2020 में फरहतुल्लाह को आतंकी घोषित किया
भारत के गृह मंत्रालय ने साल 2020 में गोरी को आतंकवादी घोषित कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वह लाहौर में रहकर अपना नेटवर्क ऑपरेट कर रहा था। इस दौरान अमेरिका और इंटरपोल भी उस तक नहीं पहुंच सका।
पिछले 2 सालों में भारत की खुफिया एजेंसियों गोरी से जुड़े कई फेसबुक और टेलीग्राम अकाउंट्स ब्लॉक कर चुकी हैं। इस दौरान तेलंगाना काउंटर-इंटेलिजेंस यूनिट ने भी आतंकी के खिलाफ अपनी धरपकड़ तेज कर दी थी।
अक्षरधाम मंदिर पर आतंकी हमले में मारे गए थे 32 लोग
24 सितंबर 2002 को कुछ आतंकी गुजरात के गांधीनगर में अक्षरधाम मंदिर में घुस गए थे। आतंकियों ने आटोमैटिक वेपंस और हैंड ग्रेनेड के इस्तेमाल के साथ ही एक फिदायीन हमला भी किया था। हमले में कुल 32 लोग मारे गए थे, जबकि 79 लोग घायल हुए थे। जिस वक्त हमला हुआ, उस वक्त मंदिर में करीब 600 लोग मौजूद थे। इस आतंकी हमले में 3 कमांडो और स्टेट रिजर्व पुलिस (SRP) का एक कॉन्स्टेबल भी शहीद हुआ था।