मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों की जगह अब भारत का टेक्निकल स्टाफ लेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैसवाल ने गुरुवार को मीडिया ब्रीफिंग के दौरान यह जानकारी दी।
जैसवाल ने मालदीव को भारत से मिलने वाली मदद में कटौती की बात को भी गलत बताया। कहा- इसमें कमी नहीं की गई है। दोनों देशों के बीच तीसरे दौर की बातचीत जल्द होगी।
मालदीव के लिए बजट बढ़ाया
मालदीव और भारत के बीच जारी डिप्लोमैटिक टेंशन और वहां मौजूद करीब 80 सैनिकों की वापसी के मुद्दे पर जैसवाल ने कहा- फिलहाल, वहां जो पर्सनल (सैनिक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया) मौजूद हैं, उनकी जगह भारत का टेक्निकल स्टाफ तैनात किया जाएगा।
उन्होंने इस मुद्दे पर तफ्सील से कुछ नहीं कहा। मालदीव को भारत की तरफ से दी जाने वाली मदद के सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा- इस बार के बजट में मालदीव के लिए 770.9 करोड़ रुपए रखे गए हैं। हमने मालदीव के लिए बजट बढ़ाया है। इस बजट अलॉटमेंट को आने वाले वक्त में होने वाली चीजों के लिहाज से रिवाइज भी किया जा सकता है। इसके लिए इंतजार करना होगा। भारत आज भी मालदीव के विकास का अहम साझेदार है।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु ने अपने देश में मौजूद भारतीय सैनिकों के लौटने के लिए 15 मार्च तारीख तय की थी। 2 फरवरी को दोनों देशों के बीच नई दिल्ली में तमाम मुद्दों पर दूसरे दौर की बातचीत हुई। इसमें तय किया गया कि भारतीय सैनिक अब 15 मार्च 2024 की बजाए 10 मई 2024 तक लौट सकेंगे।
इस मामले में नई बात विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह बताई कि सैनिकों की जगह ‘टेक्निकल स्टाफ’ लेगा। उन्होंने इस मुद्दे पर कहीं भी मिलिट्री या सैनिक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया।
भारतीय छात्र की हत्या का आरोपी गिरफ्तार
जैसवाल से अमेरिका में भारतीय और भारतीय मूल के छात्रों के बारे में सवाल पूछा गया। इस पर उन्होंने कहा- वहां 5 भारतीय छात्रों की मौत हुई है। इनमें 2 भारतीय जबकि 3 भारतीय मूल के छात्र थे। एक स्टूडेंट विवेक सैनी की हत्या की गई थी। इस मामले में आरोपी गिरफ्तार किया जा चुका है। सभी मामलों की जांच चल रही है। हम इस मामले पर करीबी नजर रख रहे हैं।
कनाडा के आरोप गलत
हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि कनाडा के इलेक्शन प्रोसेस में विदेशी ताकतें दखलंदाजी की कोशिश कर रहीं हैं और वहां की सरकार ने इस मामले की जांच के लिए कमीशन बनाया है।
इस बारे में पूछे गए सवाल पर जैसवाल ने कहा- हमने भी इस तरह की रिपोर्ट्स देखी हैं। ये आरोप बेबुनियाद हैं कि भारत कनाडा के इलेक्शन में दखलंदाजी कर रहा है। भारत सरकार की यह पॉलिसी नहीं है कि वो दूसरे देशों के डेमोक्रेटिक प्रोसेस में दखल दे। सच इसका उलट है। कनाडा हमारे अंदरूनी मामलों में दखलंदाजी करने की कोशिश करता रहा है।
इस मामले पर एक और सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा- कनाडा के सामने हमने यह मुद्दा कई बार उठाया है कि उनकी जमीन से भारत के मामलों में दखल की कोशिश होती रही है। हम आज भी यही कहना चाहते हैं कि कनाडा सरकार हमारी चिंताओं को हल करने के लिए जरूरी कदम उठाए।