भारत पर पाकिस्तान में टारगेट किलिंग कराने के आरोपों पर अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि हमने मीडिया रिपोर्ट्स देखी हैं। फिलहाल इस पर बोलने के लिए हमारे पास कुछ नहीं है। हम भारत-पाकिस्तान के बीच में नहीं आएंगे।
मिलर ने कहा, "हम चाहेंगे की भारत-पाकिस्तान मामले को शांति और बातचीत के जरिए सुलझाएं।" हाल ही में एक ब्रिटिश अखबार 'द गार्डियन' ने दावा किया था कि भारत ने पाकिस्तान में टारगेट किलिंग कराई हैं। इसी रिपोर्ट पर मिलर से सवाल किए गए थे।
क्या है भारत-पाक के बीच टारगेट किलिंग का पूरा मामला
4 अप्रैल को द गार्डियन ने एक रिपोर्ट छापी। इसमें पाकिस्तान की इंटेलिजेंस के हवाले से लिखा गया था कि भारत ने वहां लोगों की टारगेट किलिंग करवाई है। ब्रिटिश अखबार ने अपनी खबर में लिखा था, "भारतीय और पाकिस्तान के इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स ने हमें बताया है कि भारत सरकार ने विदेशी धरती पर रहने वाले आतंकवादियों को खत्म करने की रणनीति के तहत पाकिस्तान में कई लोगों की हत्या करवाई है।"
गार्डियन ने टारगेट किलिंग की पुष्टि के लिए कुछ डॉक्यूमेंट्स मिलने का दावा भी किया था। इनमें इस बात का जिक्र था कि भारत 2019 से टारगेट किलिंग करवा रहा है।
द गार्डियन के टारगेट किलिंग पर 3 दावे...
गार्डियन के दावे के बाद राजनाथ और जयशंकर के बयान
गार्डियन की रिपोर्ट पर पहली प्रतिक्रिया विदेश मंत्री एस जयशकंर की आई थी। उन्होंने कहा था, "टारगेट किलिंग करना भारत की विदेश नीति में नहीं है।" जयशंकर के बाद विदेश मंत्रालय ने भी आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा था कि रिपोर्ट में लगाए गए आरोप झूठे हैं और भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है।
वहीं रक्षा मंत्री ने एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में कहा कि अगर आतंकवादी भारत में शांति भंग करने या आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें करारा जवाब दिया जाएगा। अगर वे पाकिस्तान भाग जाते हैं, तो भारत उन्हें मारने के लिए पड़ोसी देश में घुस जाएगा।
राजनाथ के बयान को आधार बनाकर पाकिस्तान ने बयान जारी किया...
पाकिस्तान ने भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आतंकियों को पाकिस्तान में घुसकर मारने वाले बयान की निंदा की और इसे भड़काऊ बताया था। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था, "पाकिस्तान के नागरिकों को मनमाने ढंग से आतंकवादी करार देना और सजा देने का दावा करना साबित करता है कि वो दोषी हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यह जरूरी है कि वह भारत को उसकी गैरकानूनी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार ठहराए। पाकिस्तान उकसावे के किसी भी कदम के खिलाफ अपनी संप्रभुता की रक्षा करने में सक्षम है।"