भारतीय नौसेना हिंद महासागर से भारत आ रहे जहाज पर हमले की जांच करेगी। शनिवार को हुए ड्रोन अटैक के बाद एमवी केम प्लूटो नाम का जहाज आज मुंबई के तट पर पहुंचेगा। ड्रोन अटैक से जहाज में आग लगने के बाद इसे ऑपरेट करने में क्रू को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।
इसके चलते केम प्लूटो को भारतीय तट रक्षक दल का एक जहाज गाइड कर रहा है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक जहाज के मुंबई पहुंचने के बाद नौसेना के विस्फोटक आयुध निपटान दल (नेवल एक्सपलोसिव ऑर्डनेंस डिस्पोजल) की एक टीम जहाज के उस हिस्से का जायजा लेगी जहां अटैक हुआ और उसे साफ भी करेगी।
ईरान की जमीन से हमला
अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने दावा किया है कि शनिवार को भारत आ रहे जहाज पर हमला न सिर्फ ईरानी ड्रोन से हुआ बल्कि वो ड्रोन भी ईरान से ही दागा गया था। मैरीटाइम कंपनी ऑम्ब्रे के मुताबिक ये पहला ऐसा हमला है जो सीधे ईरान की तरफ से किया गया है।
वहीं, अमेरिका जो अब तक ईरान पर हूतियों का समर्थन करने के आरोप लगा रहा था उसने अब सीधे ईरान पर हमले के आरोप लगाए हैं। इस आरोप पर ईरान ने अभी तक कुछ नहीं कहा है। वहीं, हूती विद्रोहियों ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका ने इलाके में अपनी मनमानी रोकी नहीं तो लाल सागर जल उठेगा।
हूतियों की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि यमन की नेवी लाल सागर में पैट्रोलिंग कर रही थी तभी एक अमेरिकी युद्ध पोत ने हमले करना शुरू कर दिया। इस बीच गलती से एक मिसाइल से गेबन देश के एक जहाज के नजदीक विस्फोट हो गया। जो रूस की तरफ से आ रही था। लाल सागर में जहाजों की आवाजाही पर जो असर पड़ा है वो अमेरिका के दबदबे का नतीजा है जो बिना किसी अधिकार के अपने साथियों के साथ इस इलाके में मौजूद हैं।
एक दिन में भारतीय क्रू मेंबर्स वाले 2 जहाजों पर हमला 23 दिसंबर सुबह 10 बजे एमवी केम प्लूटो पर हुए हमले के बाद शाम को भारतीय क्रू मेंबर्स वाले एक और जहाज पर हमला हुआ। इसमें 25 भारतीय मौजूद थे। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, गेबन फ्लैग वाले ऑयल टैंकर का नाम M/V साईबाबा पर ड्रोन से हमला हुआ। इंडियन नेवी ने बताया है कि सभी लोग सुरक्षित हैं।
दोनों जहाजों के बारे में जानें
1. एमवी केम प्लूटो
हिंद महासागर में शनिवार (23 दिसंबर) को भारत आ रहे मालवाहक जहाज पर हमला ईरानी ड्रोन से किया गया था। ये सऊदी अरब से भारत आ रहा था। इस जहाज पर शनिवार सुबह 10 बजे हमला हुआ था। उस समय जहाज अमेरिका के संपर्क में था। केम प्लूटो जहाज पर जब हमला हुआ, तब यह भारत के समुद्र तट से 370 किलोमीटर की दूरी पर था।
हमले की जानकारी मिलने के बाद नेवी ने शिप को ट्रैक किया। साथ ही उसे एस्कॉर्ट करने के लिए वॉरशिप भेजा। इस जहाज पर 20 भारतीय मौजूद थे।
2. एमवी साईबाबा
अमेरिकी मिलिट्री ने कहा था कि शनिवार को रात करीब 10:30 बजे हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में भारत के झंडे वाले गेबन के एक ऑयल टैंकर M/V साईंबाबा पर भी ड्रोन से हमला किया। हालांकि, भारतीय नेवी ने इस बात को खारिज कर दिया है कि जहाज भारत के झंडे वाला था। अटैक यमन के सलीफ बंदरगाह से करीब 45 समुद्री मील दक्षिण-पश्चिम में बाब अल-मंडब स्ट्रेट के पास हुआ। अमेरिकी मिलिट्री ने बताया कि हमले की सूचना मिलते ही उन्होंने अपने वॉरशिप USS लबून को घटनास्थल पर भेजा।
दोनों हमलों की लोकेशन
हूती विद्रोहियों ने महीनेभर पहले कार्गो शिप हाईजैक किया था
पिछले चार हफ्तों में हूतियों ने लाल सागर और उसके आसपास 100 से ज्यादा हमले किए हैं। करीब एक महीने पहले हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में एक कार्गो शिप गैलेक्सी लीडर को हाईजैक कर लिया था। यह जहाज तुर्किये से भारत आ रहा था। हूती विद्रोहियों ने इसे इजराइली जहाज समझ कर हाईजैक किया था।
वारदात से पहले हूती समूह ने इजराइली जहाजों पर हमले की चेतावनी दी थी। हूती विद्रोहियों के एक स्पोक्सपर्सन ने कहा कि इजराइल की तरफ से चलने वाले सभी जहाजों को निशाना बनाया जाएगा।