ताइवान में 3 अप्रैल को 7.5 तीव्रता का भूकंप आया। इसमें 100 से ज्यादा इमारतों, कई सड़कों, पुल, टनल को नुकसान पहुंचा। 50 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। इनमें दो भारतीय हैं। इन्हें आखिरी बार तारोको नेशनल पार्क में देखा गया था। ये पार्क भूकंप के केंद्र के काफी नजदीक है।
भूकंप भारतीय समय के मुताबिक बुधवार सुबह 5:30 बजे ईस्ट ताइवान के हुलिएन शहर में आया था। लापता लोगों की तलाश जारी है। रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी AP को बताया कि लापता भारतीयों की तलाश की जा रही है। अब तक एक हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इनका इलाज किया जा रहा है। 9 लोग मारे गए हैं।
अमेरिकी मीडिया न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 201 आफ्टरशॉक आए। सभी की तीव्रता 5 से ज्यादा थी। वहीं, सबसे तेज आफ्टरशॉक की तीव्रता 6.5 थी। बाहरी इलाकों में लैंडस्लाइड भी हुई।
PM मोदी बोले- हम पीड़ितों के साथ
ताइवान में भूकंप से मची तबाही पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया। सोशल मीडिया पर पोस्ट में PM ने लिखा, "भूकंप में घायल हुए लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। हम इस मुश्किल घड़ी में ताइवान के लोगों के साथ हैं।"
वहीं, भारत ने ताइवान में रहने वाले भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इंडिया ताइपे एसोसिएशन ने इमरजेंसी नंबर और ई-मेल आईडी जारी की है। ये इस तरह है : 0905247906 और ad.ita@mea.gov.in। ताइवान में करीब 5 हजार भारतीय रहते हैं।
दो अन्य देशों में भी झटके महसूस किए गए
ताइवान में आए भूकंप के झटके जापान और फिलीपींस में भी महसूस किए गए थे। तीनों देशों में सुनामी का अलर्ट जारी किया गया था। जापान के मौसम विभाग ने समुद्र में 3 मीटर यानी करीब 10 फीट तक की लहरें उठने का अनुमान जताया था। हालांकि करीब 6 घंटे बाद चेतावनी वापस ले ली गई थी।
14 हजार घरों में पानी नहीं
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, हुलिएन शहर के 14 हजार घरों में पानी की सप्लाई बंद हो गई। यहां लोगों के पास पीने का पानी नहीं है। करीब एक हजार घर ऐसे हैं जहां बिजली नहीं है। भूकंप से पावर प्लांट को नुकसान पहुंचा था। 40 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसल कर दी गईं। कुछ फ्लाइट्स के समय में बदलाव किया गया।
ताइवान की नेशनल फायर एजेंसी के मुताबिक, भूकंप के बाद 120 लोगों के फंसे होने की खबर मिली। इनमें से 77 लोग टनल में फंसे हैं। जगह-जगह टनल के हिस्से टूटने की वजह से रास्ते बंद हो गए हैं। इसके अलावा करीब 50 लोग 4 मिनी बस में फंसे हुए हैं। ये बसें यात्रियों को लेकर हुलिएन शहर से तरोको नेशनल पार्क जा रही थीं।
मरने वालों में तीन हाइकर्स
भूकंप से अब तक 9 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 3 हाइकर्स थे। ये तारोको नेशनल पार्क का लोकप्रिय पर्यटन स्थल तारोको गॉर्ज देखने पैदल निकले थे। इन पर चट्टान गिर गई। वहीं, एक महिला की मौत इमारत की दीवार गिरने से हुई। वो भूकंप के बाद इमारत से बाहर आ गई थी, लेकिन अपनी बिल्ली को लेने वापस अंदर चली गई थी।
कई लोगों पर चट्टानें गिरीं
सुहुआ हाइवे से गुजर रहे एक ट्रक पर चट्टान के टुकड़े गिर गए। इस दौरान 2 ट्रक ड्राइवर्स की मौत हो गई। इस इलाके में टूरिस्ट अट्रैक्शन किंगशुई क्लिफ में भी चट्टान गिरने से एक शख्स की मौत हो गई। दो अन्य लोगों की मौत सड़क के टूटने से हो गई।
ताइवान में 25 साल का सबसे तेज भूकंप
ताइवानी सेंट्रल वेदर ब्यूरो के मुताबिक, 3 अप्रैल को आया भूकंप ताइवान में 25 साल में आने वाला सबसे तेज तीव्रता वाला भूकंप था। इसके पहले 1999 में 7.6 तीव्रता का भूंकप आया था। तब 2 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
दुनिया में हर साल 20 हजार भूकंप आते हैं
हर साल दुनिया में कई भूकंप आते हैं, लेकिन इनकी तीव्रता कम होती है। नेशनल अर्थक्वेक इंफॉर्मेशन सेंटर हर साल करीब 20,000 भूकंप रिकॉर्ड करता है। इसमें से 100 भूकंप ऐसे होते हैं जिनसे नुकसान ज्यादा होता है। भूकंप कुछ सेकेंड या कुछ मिनट तक रहता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप 2004 में हिंद महासागर में आया था। यह भूकंप 10 मिनट तक रहा था।