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वैदिक ज्योतिष में व्यक्ति की कुंडली का अध्ययन

Updated on 12-08-2021 03:59 PM
वैदिक ज्योतिष में व्यक्ति की कुंडली का अध्ययन कर उसके जीवन में घटने वाली घटनाओं और भविष्य के बारे में कुछ अहम और महत्वपूर्ण जानकारियां दी जाती हैं। ज्योतिष के अनुसार कुल 12 राशियां होती है और सभी मनुष्य इन्हीं 12 राशियों के अन्तर्गत आते हैं। इन सभी राशियों का कोई न कोई स्वामी ग्रह होता है। जिसका प्रभाव उस राशि पर अवश्य ही पड़ता है। ज्योतिष में कुंडली का अध्ययन करने के बाद ज्योतिषाचार्य किसी जातक को उसकी राशिनुसार रत्न धारण करने की सलाह देते हैं। राशि के अनुसार रत्न पहनने से कुंडली में शुभ ग्रहों का प्रभाव बढ़ जाता है और वहीं अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम हो जाता है। लेकिन इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि जब भी आप रत्न धारण करें तो उसके पहले किसी अच्छे और योग्य ज्योतिषाचार्य की सलाह जरूर लें। आइए जानते हैं राशि के अनुसार कौन सा रत्न धारण करना चाहिए।

मेष राशि
आपकी राशि के स्वामी ग्रह मंगलदेव हैं। ज्योतिष में मंगल ग्रह को शौर्य, पराक्रम और साहस का कारक माना गया है, इसके अलावा इन्हें सभी ग्रहों में सेनापति का दर्जा प्राप्त है। ऐसे में मेष राशि के लोगों को मंगल को बली करने के लिए मूंगा रत्न पहनना चाहिए। लेकिन अपने किसी अच्छे ज्योतिषी की सलाह अवश्य लें।

वृषभ राशि
वृषभ राशि पर शुक्र ग्रह का आधिपत्य प्राप्त है। ज्योतिष में शुक्र ग्रह वैभव,सुख और ऐशोआराम का कारक ग्रह माना जाता है। कुंडली में शुक्र ग्रह के मजबूत होने पर जातकों को सभी तरह के भौतिक सुख और संपन्नता का आनंद प्राप्त होता है। लेकिन अगर कुंडली में शुक्र कमजोर है तो व्यक्ति का जीवन अभावों में बीतता है। शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए जातकों को हीरा और ओपल को धारण करना चाहिए।

मिथुन राशि
मिथुन राशि के स्वामी ग्रह बुध होते हैं। बुध को वाणी, संचार और विवेक का कारक ग्रह माना गया है। कुंडली में बुध के कमजोर होने पर जातकों को व्यापार में नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में जिन लोगों की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर हैं उन्हें पन्ना रत्न धारण करना चाहिए।

कर्क राशि
इस राशि के स्वामी ग्रह चंद्रमा है। कुंडली में चंद्रमा के कमजोर होने पर व्यक्ति का मन विचलित रहता है। उसे कई तरह की मानसिक परेशानियां होने लगती है। चंद्रमा को मजबूत करने के लिए कर्क राशि के जातकों को मोती धारण करना चाहिए।

सिंह राशि
सिंह राशि के स्वामी ग्रह सूर्यदेव हैं। सूर्यदेव सभी ग्रहों के राजा और केंद्रबिंदु माने गए हैं। कुंडली में सूर्य के कमजोर होने पर उस जातक को यश और मान-सम्मान में कमी आने लगती है। नौकरी में पदोन्नति नहीं होती है और ह्रदय से संबंधित बीमारियां घेर लेती हैं। कुंडली में सूर्यदेव को मजबूत करने के लिए माणिक रत्न पहनना चाहिए।

कन्या राशि 
इस राशि के स्वामी ग्रह बुध है। ऐसे में बुध को प्रबल करने के लिए पन्ना रत्न धारण करना चाहिए। 

तुला राशि 
तुला राशि के स्वामी ग्रह शुक्र हैं। शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए इस राशि के जातकों को हीरा या जरकन रत्न धारण करना चाहिए।

वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के स्वामी ग्रह मंगल है। कुंडली में मंगल के कमजोर होने पर भूमि संबंधित विवाद और शत्रु बढ़ जाते हैं। इस कारण से मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए मूंगा धारण करना चाहिए।

धनु राशि
धनु राशि के स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं। बृहस्पति को गुरु भी कहा जाता है। यह जातक की कुंडली में विवाह, ज्ञान और धर्म-कर्म  आदि के कारक ग्रह माने गए हैं। ऐसे में धनु राशि के जातकों को गुरु के शुभफल के लिए पुखराज रत्न पहनना चाहिए।

मकर राशि
मकर राशि के स्वामी ग्रह शनि देव है। शनि देव न्यायाधिपति के देवता हैं। इन्हें पापी ग्रह भी कहा जाता है। लेकिन ये व्यक्ति को उसके द्वारा किए गए कर्मों के आधार पर ही शुभ या अशुभ फल प्रदान करते हैं। मकर राशि के जातकों शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए नीलम रत्न को पहनना चाहिए।

कुंभ राशि
शनिदेव मकर राशि के साथ कुंभ राशि के भी स्वामी ग्रह हैं। ऐसे में कुंडली में शनि के शुभ परिणाम के लिए इस राशि के जातकों को भी नीलम रत्न धारण करना चाहिए।

मीन राशि 
मीन राशि के स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं। मीन राशि के जातकों को बृहस्पति को प्रसन्न रखने के लिए पुखराज धारण करना चाहिए।


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