तारीख- 31 अगस्त 2023, जगह- साउथ अफ्रीका का जोहानसबर्ग शहर। देर रात एक 5 मंजिला इमारत में आग लग जाती है। बिल्डिंग में रहने वाले 12 बच्चों समेत 76 लोगों की मौत हो जाती है। 80 लोग घायल होते हैं। आग लगने की वजह सामने नहीं आती है। पुलिस जांच शुरू करती है। हादसे के 4 महीने बाद 24 जनवरी 2024 को मामला सुलझता है।
पुलिस ने साउथ अफ्रीका के सबसे खतरनाक हादसों में एक कहे जाने इस मामले में भारतीय समय के मुताबिक बुधवार को एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने कबूला है कि इमारत में आग उसकी वजह से लगी। उस पर 76 लोगों की जान लेने के लिए मर्डर चार्ज लगाए गए हैं। जल्द उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। कोर्ट उसे सजा सुनाएगी।
आरोपी का कबूलनामा...
साउथ अफ्रीकी मीडिया के मुताबिक 29 साल के आरोपी से पुलिस पूछताछ कर रही थी। इस दौरान उसने गुनाह कबूला।
उसने कहा- मैं बिल्डिंग में रहता था। मुझे ड्रग्स की लत थी। मैं अकसर ड्रग्स लेता था। इस दौरान एक ड्रग डीलर से मेरी दोस्ती हुई। उसके कहने पर 31 अगस्त 2023 को मैंने अपने घर में एक शख्स की हत्या की थी। उसका गला दबा दिया था।
जब वो मर गया तो उसके शव को ठिकाने लगाने के बारे में सोच रहा था। दिमाग में आया की शव को जला देते हैं। इसलिए शव को बेसमेंट में लेकर गया। शव पर पेट्रोल डाला और उसमें आग लगा दी। मैं वहां से चला गया। मैं जानता था कि बिल्डिंग में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं है फिर भी बेसमेंट में शव को जलाया। इस कारण पूरी इमारत में आग फैल गई।
बिल्डिंग के इमरजेंसी एग्जिट बंद थे
पुलिस ने कहा- हादसे के फौरन बाद हमने जांच शुरू कर दी थी। जली हुई इमारत में छानबीन के दौरान हमें पता चला था कि बिल्डिंग के इमरजेंसी एग्जिट खराब थे। इमरजेंसी के दौरान होने वाले दरवाजों और खिड़कियों पर ताले लगे थे। लोग इसे खुले नहीं सके इसलिए इमारत के अंदर ही जलकर उनकी मौत हो गई।
इमारत में गरीब लोग रह रहे थे
जोहानसबर्ग की जिस इमारत में आग लगी उसमें ज्यादातर बेघर और गरीब लोग रह रहे थे। साउथ अफ्रीकी मीडिया के मुताबिक यहां कई इमारतों पर लोकल दबंगों का कब्जा है। वो इन्हें किराए पर गरीब या दूसरे देशों से भागकर आए अवैध प्रवासियों को रहने के लिए दे देते हैं। आरोपी ने बताया कि इस इमारत में रह रहे लोग कई तरह की क्रिमिनल एक्टिविटीज में लिप्त थे और ड्रग्स डीलिंग करते थे।