Select Date:

किसी की चंद मिनटों की खुशी, किसी और की खुदखुशी

Updated on 20-11-2023 04:21 PM
बड़े अरमानों से माता-पिता अपने बच्चों को पाल-पोसकर बड़ा करते हैं। जो वो न कर सकें, उनके बच्चे कर दिखाएँ, कुछ मजबूरियों और जिम्मेदारियों के बोझ के नीचे दबे-कूचे उनके सपने उनके बच्चे पूरे करें, इसी सोच के साथ उन्हें बेहतर से बेहतर परवरिश देते हैं। बचपन से ही उनके जतन पूरे करते हैं, उनकी जिदें मानते हैं। बच्चों के सपने पूरे करने के लिए जेब में पैसा है या नहीं, तनिक चिंता नहीं करते हैं। बच्चों के चेहरे से एक क्षण के लिए भी मुस्कान ओझल न हो, इस एक चाह के लिए जी-जान लगा देते हैं।   

अपने गाँव या शहर में सुख-सुविधा न होने या फिर कम सुविधाओं के चलते अपने कलेजे के टुकड़े को अपने से दूर बड़े शहरों या देशों में भेजते हैं, ताकि उनकी सुविधाओं में राई के दाने बराबर भी कमी न आए और वे पढ़-लिखकर अपने घर वापस लौट आएँ और पूरा परिवार मिल-जुलकर एक बार फिर हँसी-खुशी साथ रहने लगे। 

बेशक कुछ घरों में यह सपना बहुत ही खूबसूरती से पूरा होता हुआ दिखाई देता है, लेकिन कुछ घरों में मातम बनकर पसर जाता है। एक ऐसा मातम कि फिर वह घर ही क्या उस क्षेत्र या गाँव से ताल्लुक रखने वाला कोई भी शख्स इस सपने को देखने तक की हिम्मत भी न जुटा पाए। और वहीं वह परिवार सिर्फ यही सोच-सोचकर खुद को घूटन की आग में झोंक देता है कि आखिर बच्चे को बाहर पढ़ने भेजा ही क्यों। कम सुख-सुविधाओं में भी पढ़ाया होता, तो आज कम ही कमा रहा होता, लेकिन हमारे साथ तो होता..

टीवी या अखबार में एक खबर छपती है कि फलां गाँव या कस्बे के बच्चे ने बीती रात अपने होस्टल के कमरे में फाँसी लगा ली। और एक छात्र के साथ पूरा परिवार जीते जी खत्म.. 

बीते कुछ वर्षों में बड़े शहरों में जाकर कोचिंग इंस्टीट्यूट्स जाकर सरकारी परीक्षाओं की तैयारी करने के सिलसिले ने भी जोर पकड़ा है। यहाँ कई अन्य राज्यों और संस्कृतियों से आए लोगों के बीच रहना, खाना-पीना, पढ़ना और अपना दैनिक जीवन जीना एक बहुत बड़ा चरण होता है। इस बीच कई बच्चे अनजानों के बीच असहज महसूस करते हैं या फिर जाने-अनजाने में किसी की छेड़छाड़ या शोषण आदि का शिकार हो जाते हैं। 

कुछ समय पहले एक बच्चे की आत्महत्या की खबर टीवी पर चलते देख एक पिता की धड़कनें बढ़ गईं और उन्होंने सोचा कि अपने बच्चे का भी हालचाल ले लिया जाए। दरअसल बच्चा अपने गाँव से दूर एक बड़े शहर में पढ़ने गया था। बच्चे द्वारा फोन नहीं उठाए जाने पर क्या कुछ विचार नहीं आ गए होंगे उस पिता के दिमाग में.. कुछ समय बाद होस्टल से खबर आती है कि आपके बच्चे ने फाँसी लगा ली। जब उसे पता चला होगा कि जिस बच्चे की खबर वह टीवी में देख रहा है, वह उसी का बच्चा है, आप सोचिए कि उसके जिगर के कितने टुकड़े हो गए होंगे। 

यह किसी एक पिता की कहानी नहीं है, ऐसे कई माता-पिता बच्चों द्वारा आत्महत्या के खौफनाक कदम उठाने के चलते जीते-जी सूली चढ़ जाते हैं। 

बच्चों द्वारा आत्महत्या किए जाने के कारणों पर जितनी बात की जाए कम ही है। फिर एक तथ्य यह भी है कि बड़े शहरों में पढ़ाई के नाम पर बेहतरी कम और चोचले अधिक होने लगे हैं। बड़े शहरों में जाकर पढ़ाई करने के नाम पर हाई सोसाइटी का स्टेटस, ऊँचे घराने का दिखावा और शान-ओ-शोहकत जहाँ कई बच्चों के सिर चढ़कर बोलते हैं, वहीं कुछ बच्चे खुद को इसमें असहज और दूसरे बच्चों से खुद को पिछड़ा हुआ पाते हैं। अकेलेपन का शिकार इन बच्चों को जीवन की बलि चढ़ा देने के अलावा कुछ भी उचित नहीं लगता। 

वे कई बार पेरेंट्स को बताते हैं कि उनका यहाँ मन नहीं लग रहा या बड़े शहर के तौर-तरीके और पढ़ाई उन्हें समझ नहीं आ रही, लेकिन पेरेंट्स कुछ भी समझ नहीं पाते। हालाँकि, यहाँ बच्चे में भी उतनी हिम्मत होना जरुरी है कि वह खुलकर अपनी समस्या या आपबीती अपने पेरेंट्स को बताए। लेकिन होता इसका उल्टा है। पेरेंट्स को चाहिए कि वे इस बात को गंभीरता से लें, यह कतई न सोचें कि कुछ महीनों में वह बड़े शहर में ढल जाएगा। यदि उसका मन नहीं लग रहा है, तो पहली फुर्सत में उसे अपने पास बुला लें, उसे बताएँ कि आप उसके साथ हैं। छोटे शहर में पढ़ाई करके भी बेहतर जीवन जीया जा सकता है।
- अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 16 November 2024
महाराष्ट्र में भाजपानीत महायुति और कांग्रेसनीत महाविकास आघाडी के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव जीतना राजनीतिक  जीवन मरण का प्रश्न बन गया है। भाजपा ने शुरू में यूपी के…
 07 November 2024
एक ही साल में यह तीसरी बार है, जब भारत निर्वाचन आयोग ने मतदान और मतगणना की तारीखें चुनाव कार्यक्रम घोषित हो जाने के बाद बदली हैं। एक बार मतगणना…
 05 November 2024
लोकसभा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं।अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह को विजयश्री का आशीर्वाद जनता ने दिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 की 29 …
 05 November 2024
चिंताजनक पक्ष यह है कि डिजिटल अरेस्ट का शिकार ज्यादातर वो लोग हो रहे हैं, जो बुजुर्ग हैं और आमतौर पर कानून और व्यवस्था का सम्मान करने वाले हैं। ये…
 04 November 2024
छत्तीसगढ़ के नीति निर्धारकों को दो कारकों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है एक तो यहां की आदिवासी बहुल आबादी और दूसरी यहां की कृषि प्रधान अर्थव्यस्था। राज्य की नीतियां…
 03 November 2024
भाजपा के राष्ट्रव्यापी संगठन पर्व सदस्यता अभियान में सदस्य संख्या दस करोड़ से अधिक हो गई है।पूर्व की 18 करोड़ की सदस्य संख्या में दस करोड़ नए सदस्य जोड़ने का…
 01 November 2024
छत्तीसगढ़ राज्य ने सरकार की योजनाओं और कार्यों को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपना प्रमुख साधन बनाया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते…
 01 November 2024
संत कंवर रामजी का जन्म 13 अप्रैल सन् 1885 ईस्वी को बैसाखी के दिन सिंध प्रांत में सक्खर जिले के मीरपुर माथेलो तहसील के जरवार ग्राम में हुआ था। उनके…
 22 October 2024
वर्तमान समय में टूटते बिखरते समाज को पुनः संगठित करने के लिये जरूरत है उर्मिला जैसी आत्मबल और चारित्रिक गुणों से भरपूर महिलाओं की जो समाज को एकजुट रख राष्ट्र…
Advertisement