देवी के अनेक रुपों में एक रुप चण्डी का भी है. देवी काली के समान ही देवी चण्डी भी प्राय: उग्र रूप में पूजी जाती हैं, अपने भयावह रुप में मां दुर्गा चण्डी अथवा चण्डिका नाम से जानी जाती हैं. नवरात्रों में देवी के इस रुप की भी पूजा होती है देवी ने यह रुप बुराई के संहार हेतु ही लिया था. देवी के श्रीचण्डी ध्वज स्तोत्रम् का पाठ सभी संकटों से मुक्ति प्रदान करने वाला होता है तथा शत्रुओं पर विजय प्रदान कराता है.