मप्र के पूर्व सीएम और वर्तमान में केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक और अहम जिम्मेदारी दी है। पीएम ने कृषि मंत्री को केन्द्र सरकार की फ्लैगशिप स्कीम के लिए बनाए गए मॉनिटरिंग ग्रुप का अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह निगरानी समूह मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं का क्रियान्वयन करेगा और उनकी स्टेटस रिपोर्ट प्रधानमंत्री को भेजेगा।
18 अक्टूबर को हुई पहली बैठक
दिल्ली में निगरानी समूह की पहली बैठक 18 अक्टूबर को हुई है। इस मीटिंग में केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों के सचिवों ने भाग लिया था। अब हर महीने इस मॉनिटरिंग ग्रुप की मीटिंग होगी।
मांडविया और गोयल संभाल चुके यह जिम्मेदारी
शिवराज सिंह चौहान से पहले यह जिम्मेदारी केन्द्रीय मंत्री मनसुख मांडविया संभाल रहे थे। मांडविया से पहले इस निगरानी समूह के अध्यक्ष केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल थे। इस निगरानी समूह के अध्यक्ष की जिम्मेदारी अहम मानी जाती है। क्योंकि, वर्तमान योजनाओं में कौन सा बदलाव करना है या कौन सी नई स्कीम शुरू करनी है इस पर यही ग्रुप फैसला लेकर मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री के पास भेजता है।
मोदी सरकार में तीसरी बार बना यह ग्रुप
नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद 2014 में योजनाओं की निगरानी और समीक्षा के लिए निगरानी समूह का गठन किया था। फिर 2019 में सरकार के गठन के बाद इसका पुनर्गठन किया गया था। अब तीसरी बार इसका गठन किया गया है। इस ग्रुप का उद्देश्य सरकार द्वारा घोषित योजनाओं की समीक्षा करना और उनकी खामियों के बारे में बताना है।
क्या करेगा यह ग्रुप
यह ग्रुप केन्द्रीय बजट, अधीनस्थ विधान तथा अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करेगा। 18 अक्टूबर को प्रधानमंत्री आवास पर हुई मीटिंग में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सहित भारत सरकार के सभी सचिव शामिल हुए थे।
2014 से लेकर अब तक के कामकाज की होगी समीक्षा
शिवराज सिंह चौहान की अगुआई में यह टीम साल 2014 यानी पहली एनडीए सरकार के कार्यकाल से लेकर अब तक घोषित परियोजनाओं की समीक्षा करेगी। अगर किसी परियोजना में कोई देरी, किसी प्रकार की कोई समस्या आती है तो यह टीम संबंधित प्रोजेक्ट्स के सचिवों से संपर्क करेंगे।