श्रावण (सावन) में शिव भक्त भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए अनेक उपाय करते हैं। कुछ ऐसे ही छोटे और अचूक उपायों के बारे शिवपुराण में भी लिखा है। ये उपाय इतने सरल हैं कि इन्हें आसानी से किया जा सकता है। सावन में ये उपाय विधि-विधान पूर्वक करने से भक्तों की हर इच्छा पूरी हो सकती है। ये उपाय इस प्रकार हैं-
🙏🏻 शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव को प्रसन्न करने के उपाय इस प्रकार हैं-
➡ 1. भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है।
➡ 2. तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है।
➡ 3. जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है।
➡ 4. गेहूं चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है।
🙏🏻 शिवपुराण के अनुसार, जानिए भगवान शिव को कौन-सा रस (द्रव्य) चढ़ाने से क्या फल मिलता है-
👉🏻 1. बुखार होने पर भगवान शिव को जल चढ़ाने से शीघ्र लाभ मिलता है। सुख व संतान की वृद्धि के लिए भी जल द्वारा शिव की पूजा उत्तम बताई गई है।
👉🏻 2. तेज दिमाग के लिए शक्कर मिला दूध भगवान शिव को चढ़ाएं।
👉🏻 3. शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाया जाए तो सभी आनंदों की प्राप्ति होती है।
👉🏻 4. शिव को गंगा जल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।
👉🏻 5. शहद से भगवान शिव का अभिषेक करने से टीबी रोग में आराम मिलता है।
👉🏻 6. यदि शारीरिक रूप से कमजोर कोई व्यक्ति भगवान शिव का अभिषेक गाय के शुद्ध घी से करे तो उसकी कमजोरी दूर हो सकती है।
🙏🏻 शिवपुराण के अनुसार, जानिए भगवान शिव को कौन-सा फूल चढ़ाने से क्या फल मिलता है-
🌷 1. लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
🌸 2. भगवान शिव की पूजा चमेली के फूल से करने पर वाहन सुख मिलता है।
💐 3. अलसी के फूलों से शिव की पूजा करने पर मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है।
🌸 4. शमी वृक्ष के पत्तों से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है।
🍀 5. बेला के फूल से पूजा करने पर सुंदर व सुशील पत्नी मिलती है।
🌼 6. जूही के फूल से भगवान शिव की पूजा करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती।
🌺 7. कनेर के फूलों से भगवान शिव की पूजा करने से नए वस्त्र मिलते हैं।
🍀 8. हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।
🌸 9. धतूरे के फूल से पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशन करता है।
🌺 10. लाल डंठलवाला धतूरा शिव पूजा में शुभ माना गया है।
आज विशेष- इन दिनों पुण्य-पवित्र श्रावण मास जारी है। श्रावण मास में शिव-आराधना का विशेष महत्व होता है। इस पवित्र महीने में मास भर भूतभावन भगवान महादेव का अभिषेक कर पुण्य लाभ अर्जित किया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्रावण मास में आप एक छोटे से उपाय से अपनी जन्मपत्रिका में बने गंभीर दोषों के दुष्प्रभावों कम कर सकते हैं! यदि नहीं तो आज हम 'वेबदुनिया' के पाठकों को यह अत्यंत लाभकारी जानकारी देंगे।
रुद्राक्ष धारण से दोष निवारण- रुद्राक्ष को हमारे शास्त्रों ने अत्यंत पवित्र माना है। किंवदती है कि रुद्राक्ष भगवान शिव की आंख का अश्रु है। रुद्राक्ष एक से लेकर चौदह मुखी तक पाए जाते हैं। एक मुखी रुद्राक्ष अत्यंत दुर्लभ होने के साथ-साथ साक्षात भगवान शिव का प्रत्यक्ष रूप माना जाता है।
इस श्रावण में मास में उचित रुद्राक्ष धारण कर जन्मपत्रिका में बने अशुभ योगों के दुष्प्रभाव में कम कर लाभ प्राप्त किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि जन्मपत्रिका के किस दोष के लिए कौन सा रुद्राक्ष श्रावण मास में धारण किया जाना श्रेयस्कर रहेगा-
श्रावण मास में धारण करें रुद्राक्ष : जानिए, किस शुभ फल के लिए किस मंत्र के साथ पहनें-
1. मांगलिक योग- मांगलिक योग की शांति के लिए 11 मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभप्रद रहता है।
2. ग्रहण योग- ग्रहण योग की शांति के लिए 2 एवं 8 मुखी रुद्राक्ष का लॉकेट धारण करना लाभप्रद रहता है।
3. केमद्रुम योग- केमद्रुम योग की शांति के लिए 13 मुखी रुद्राक्ष चांदी में धारण करना लाभप्रद रहता है।
4. शकट योग- शकट योग की शांति के लिए 10 मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभप्रद रहता है।
5. कालसर्प दोष- कालसर्प दोष की शांति के लिए 8 व 9 मुखी रुद्राक्ष का लॉकेट धारण करना लाभप्रद रहता है।
6. अंगारक योग- अंगारक योग की शांति के लिए 3 मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभप्रद रहता है।
7. चांडाल दोष- चांडाल दोष की शांति के लिए 5 व 10 मुखी रुद्राक्ष का लॉकेट धारण करना लाभप्रद रहता है।
(विशेष- उपर्युक्त उपाय से समुचित लाभ के लिए रुद्राक्ष का असली व शुद्ध होना अनिवार्य है।)