सेबी ने कुख्यात मार्केट ऑपरेटर केतन पारेख को बैन किया
Updated on
03-01-2025 06:18 PM
नई दिल्ली: मार्केट रेगुलेटर सेबी ने केतन पारेख सहित तीन लोगों को तत्काल प्रभाव से सिक्योरिटी मार्केट से प्रतिबंधित कर दिया है। इन लोगों पर आरोप है कि उन्होंने ‘फ्रंट-रनिंग’ योजना में कथित तौर पर शामिल होकर 65.77 करोड़ रुपये का अवैध लाभ कमाया। फ्रंट रनिंग में कंपनी की अनपब्लिश्ड सेंसिटिव इनफॉरमेशन के आधार पर शेयरों की खरीद-फरोख्त की जाती है। इसके अलावा, सेबी ने पारेख समेत 22 इकाइयों द्वारा कथित उल्लंघनों से अर्जित 65.77 करोड़ रुपये के अवैध लाभ को संयुक्त रूप से और अलग-अलग जब्त करने का निर्देश दिया है। कुख्यात मार्केट ऑपरेटर केतन पारेख स्टॉक एक्सचेंज के साथ छेड़छाड़ के मामले में जेल की हवा भी खा चुका है। उसे दिसंबर 2003 में 14 साल के लिए मार्केट से बैन किया गया था।
सेबी ने केतन पारेख, सिंगापुर में रहने वाले भारतीय मूल के रोहित सालगांवकर और कोलकाता के अशोक कुमार पोद्दार को सेबी के साथ पंजीकृत किसी भी मध्यस्थ से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से तत्काल प्रभाव से जुड़ने से भी रोक दिया। सेबी ने पारेख, सालगांवकर और पोद्दार समेत 22 इकाइयों को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न धन वापसी, प्रतिबंध और जुर्माना लगाने सहित उचित निर्देश पारित किए जाएं। रेगुलेटर ने कहा कि इन इकाइयों को इस आदेश की प्राप्ति की तिथि से 21 दिन के भीतर सेबी के समक्ष अपने जवाब दाखिल करने होंगे।
काम करने का तरीका
188 पन्नों के अंतरिम आदेश में सेबी ने कहा कि रोहित सालगांवकर और केतन पारेख ने ‘फ्रंट-रनिंग’ गतिविधियों को अंजाम देकर बड़े ग्राहकों से संबंधित एनपीआई (गैर-सार्वजनिक सूचना) से अनुचित तरीके से लाभ कमाने की पूरी योजना बनाई। सेबी ने उल्लेख किया कि अशोक कुमार पोद्दार ने फ्रंट-रनिंग गतिविधियों में एक सूत्रधार होने की बात स्वीकार की है। केतन पारेख और अन्य द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली पर सेबी ने पाया कि संदिग्ध ‘ट्रेड’ के निष्पादन से पहले, फ्रंट रनर (एफआर) को व्हाट्सएप चैट या कॉल के माध्यम से एक ऐसे व्यक्ति से निर्देश प्राप्त हो रहे थे, जिसका संपर्क नंबर डिवाइस में जैक, जैक न्यू या जैक लेटेस्ट, न्यू/बॉस आदि के नाम में रखा गया था। इन संपर्क नंबरों के विश्लेषण पर यह पाया गया कि ये नंबर केतन पारेख के थे, जो रोहित सालगांवकर नामक व्यक्ति से एनपीआई प्राप्त कर रहे थे। केतन पारेख से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से विशिष्ट और समय पर निर्देश प्राप्त करने के बाद, एफआर आदेशों को निष्पादित करते थे और अनुचित लाभ कमाते थे। इन उल्लंघनों के लिए केतन पारेख और अशोक कुमार पोद्दार को प्रतिभूतियों में लेन-देन करने से प्रतिबंधित किया गया था और अतीत में भी प्रतिभूति बाजार से जुड़ने से रोका गया था। आदेश में कहा गया है कि इन सब बातों पर विचार करते हुए, सलगांवकर, पारेख और पोद्दार को तत्काल प्रभाव से प्रतिभूतियों में खरीद, बिक्री या लेन-देन करने या सेबी के साथ पंजीकृत किसी भी मध्यस्थ के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ने से रोका जाएगा।
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