वॉशिंगटन । वैज्ञानिक एक ओर ऐसे ग्रहों की तलाश कर रहे हैं, जहां जीवन की संभावना हो, वहीं ऐसे ग्रह भी मिले हैं जो हीरे के बने हैं। सूरज की तरह ऐसे सितारे जिनमें कार्बन और ऑक्सिजन का अनुपात कम होता है, आमतौर पर उनका चक्कर ऐसे ग्रह लगाते हैं जिन पर पानी और ग्रेनाइट होता है, हीरे भी कम होते हैं। हालांकि, ऐसे सितारे जिन पर कार्बन का अनुपात ज्यादा होता है, उनका चक्कर लगाने वाले ग्रहों पर भी कार्बन ज्यादा होता है और सही हालात होने पर यह कार्बन हीरे में तब्दील हो सकता है। इस थिअरी को टेस्ट करने के लिए वैज्ञानिकों ने सिलिकॉन कार्बाइड के एक सैंपल को पानी में भारी दबाव और ताप के नीचे रखा तो पाया कि सिलिकॉन कार्बाइड हीरे और सिलिका में बदल गया। इस स्टडी के मुख्य लेखक एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के हैरिसन एलन-सटर ने अपनी टीम के साथ इन ग्रहों की अंदरूनी संरचना का सैंपल तैयार किया। इसमें हीरे और एन्विल सेल का इस्तेमाल किया गया। इस सेल में दो रत्म की क्वॉलिटी वाले सिंगल क्रिस्टल डायमंड होते हैं। हालांकि, ऐसे ग्रहों पर जीवन की संभावना नहीं होती, क्योंकि यहां कोई जियॉलजिकल एक्टिविटी नहीं होती है। यहां वायुमंडल भी नहीं होता है। हालांकि, ऐसे ग्रहों की खोज आने वाले वक्त में दूसरे मिशन के लिए अहम साबित हो सकती हैं। इससे पहले 2012 में 55 कैंक्री ए नाम के ग्रह की खोज की गई थी जो हीरे और ग्रेनाइट से बना था।