भोपाल। स्कूली बच्चे ऑनलाइन पढाई नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें इसमें तकनीकी दिक्कतों के साथ वीडियो भी समझ में नहीं आ रहे हैं। स्कूलों की ओर से प्राइमरी कक्षा के बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं चलाई जा रही हैं लेकिन बच्चे इन कक्षाओं में सिखाए जाने वाले सबक नहीं सीख पा रहे हैं। नतीजतन अभिभावकों को भी उनके साथ बैठना पड़ रहा है। स्कूलों का कहना है वक्त को देखते हुए हुए हमने बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था की है, यदि कोई दिक्कत है तो तरीके में बदलाव करेंगे। शाहपुरा निवासी भावना दुबे कहती हैं कि मेरा बेटा सार्थक पहली कक्षा में है। उसकी ऑनलाइन कक्षाएं चल रही है। कक्षा के बाद भी वह मोबाइल मांगता है, नहीं दें तो चिड़चिढ़ाता है। चूनाभट्टी निवासी मंजू लाड़ कहती है, ऑनलाइन कक्षा के दौरान अन्य बच्चे अपना माइक बंद नहीं करते। इसलिए शिक्षक क्या बता रहे हैं, ठीक से समझ में नहीं आता। कई बार शिक्षक का वीडियो ऑफ हो जाता है। बच्चे घर में परेशान करते हैं कि हमें तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है। सेंट जोसेफ कोएड स्कूल के प्राचार्य फादर मेल्विन ने कहा, ऑनलाइन कक्षा से जुड़ी परेशानियों से संबंधित स्कूल में कोई शिकायत नहीं आई है। यदि अभिभावकों को कोई समस्या है तो वे बिना अपने नाम के उल्लेख किए हुए स्कूल की वेबसाइट पर हमें समस्या से जुड़ा मेल कर सकते हैं। मेल में वे बच्चे की कक्षा का जिक्र जरूर करें। वहीं आनंद विहार स्कूल के प्राचार्य शैलेष झोपे का कहना है कि हमने अभिभावकों की समस्या को समझते हुए छोटे बच्चों की कक्षा में बदलाव किए हैं। वॉट्सएप पर छोटे-छोटे वीडियो सेंड किए जाते हैं और अगले दिन उससे संबंधित फीडबैक लिए जाते हैं। हमने पहली से तीसरी कक्षा तक के लिए कहानी सुनाने और कला व संगीत शामिल किए हैं।
सहोदय ग्रुप के अध्यक्ष और बाल भवन स्कूल के प्राचार्य राजेश कुमार शर्मा ने कहा कि 30 जून तक बच्चों की छुट्टियां हैं। हालांकि ऑनलाइन कक्षाओं के कारण अभिभावकों को भी परेशानी हो रही है, लेकिन उन्हें भविष्य के लिए तैयार होना चाहिए। कोविड-19 की स्थिति क्या होगी यह नहीं कहा जा सकता। ऐसे में बच्चे की पढ़ाई की व्यवस्था स्कूल और अभिभावकों को ही करनी होगी। स्कूल पढ़ाने का कंटेंट दे रहा है, कुछ प्रयास अभिभावकों को भी करने होंगे। हमने छोटी कक्षाओं की बच्चों को हमने एक्टिविटी ज्यादा कराई है। वहीं शिक्षकों और स्कूलों को भी ऑनलाइन कक्षा के तरीके सीखने चाहिए। भोपाल में सहोदय के 60 स्कूल हैं, लगभग सभी में ऑनलाइन क्लास जारी हैं। लाइव क्लास के साथ साथ वीडियो लेसन भी बच्चों को भेजते हैं। इस बारे में शिक्षक पालक महासंघ के अध्यक्ष कमल विश्वकर्मा का कहना है कि हमारे पास भोपाल समेत मप्र के सैकड़ों अभिभावकों के मेल और फोन आए हैं जिसमें ऑनलाइन पढ़ाई से हो रही परेशानी का जिक्र किया गया है। स्कूलों में छोटे बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई बंद होनी चाहिए। असल में स्कूल वाले फीस वसूली को न्यायोचित ठहराने के लिए ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं जबकि इसका कोई लाभ बच्चों को नहीं मिल रहा है।
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