पेरिस ओलिंपिक में ओवरवेट होने से फाइनल-मेडल से चूकीं रेसलर विनेश फोगाट को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग सर्वखाप महापंचायत में की गई। चरखी दादरी में सांगवान खाप की अगुआई में हुई सर्वजातीय सर्वखापों की महापंचायत में रविवार को मांग की गई कि विनेश के मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज करें। पंचायत में कुल 7 फैसले लिए गए हैं।
बता दें कि विनेश फोगाट चरखी दादरी के गांव बलाली की रहने वाली हैं। महापंचायत में कहा गया है कि उनके फैसलों का संज्ञान नहीं लिया गया तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
वहीं, हरियाणा की महम चौबीसी सर्वखाप पंचायत ने फैसला किया है कि विनेश को सम्मानित किया जाएगा। वह विनेश को 'चौबीसी रत्न' का खिताब देगी। चौबीसी के ऐतिहासिक चबूतरे पर विनेश का सम्मान होगा।
इस संबंध में प्रधान सुभाष नंबरदार की अध्यक्षता में हुई महम चौबीसी सर्वखाप पंचायत की मीटिंग यह फैसला लिया गया। प्रधान सुभाष नंबरदार ने कहा- विनेश के साथ साजिश रची गई है।
विनेश ने 82 मुकाबलों में लगातार जीत दर्ज करने वाली पहलवान को हराया। लगातार तीन मुकाबले जीते। उसका सिल्वर मेडल पक्का हो चुका था। केंद्र सरकार ओलिंपिक कमेटी के सामने मजबूत पैरवी को विनेश को सिल्वर मेडल समेत उससे जुड़ी सारी सुविधाएं दे।
विनेश मामले का फैसला 13 को
उधर, विनेश फोगाट के ओलिंपिक में सिल्वर मेडल पर फैसला 13 अगस्त को आएगा। शनिवार रात खेल कोर्ट यानी कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने इसकी जानकारी दी। पहले 10 अगस्त रात साढ़े 9 बजे फैसला सुनाया जाना था, लेकिन कोर्ट ने इसकी सीमा बढ़ा दी। आत रात साढ़े 12 बजे पेरिस ओलिंपिक की क्लोजिंग सेरेमनी होगी।
विनेश के वकील विदुषपत सिंघानिया ने कहा कि CAS 13 अगस्त को अपना फैसला सुनाएगा। अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने की समय सीमा 11 अगस्त तक बढ़ा दी गई है।
नीरज चोपड़ा ने विनेश का सपोर्ट किया
नेश के फैसले को लेकर जेवलिन में सिल्वर मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा ने कहा- "अगर हमें मेडल नहीं मिलता तो लोग हमें कुछ समय के लिए याद रखते हैं और कहते हैं कि हम उनके चैंपियन हैं लेकिन अगर हमें मेडल नहीं मिलता तो वे हमें भूल जाते हैं।
100 ग्राम ज्यादा वजन से बाहर हुई थी विनेश
बता दें कि विनेश फोगाट ने ओलिंपिक में 50 kg वेट कैटेगरी में कुश्ती लड़ी थी। एक दिन में जापान की ओलिंपिक चैंपियन समेत 3 पहलवानों को पटखनी देकर वह फाइनल में पहुंची। हालांकि अगले दिन फाइनल मुकाबले से पहले उसका वेट 100 ग्राम ज्यादा निकल आया। जिस वजह से उसे अयोग्य करार दे दिया गया। इसी को लेकर विनेश ने खेल कोर्ट में अपील दायर की।
खेल कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी
विनेश फोगाट की याचिका पर पेरिस स्थित खेल कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। इसमें विनेश भी वर्चुअल तरीके से शामिल हुई। विनेश ने करीब एक घंटे अपना पक्ष रखा। करीब 3 घंटे तक बहस हुई। विनेश की तरफ से भारतीय वकील हरीश साल्वे और विदुष्पत सिंघानिया ने भी उनका पक्ष रखा।
डॉक्टर एनाबेल बैनेट ने करीब 3 घंटे तक विनेश, युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग, इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी और IOA का पक्ष सुना। इससे पहले सभी को अपना एफिडेविट भी दाखिल करने को कहा गया था। जिसके बाद ये मौखिक बहस हुई है।
विनेश के पक्ष में यह दलीलें भी रखी गईं
खेल कोर्ट में विनेश के पक्ष में कहा गया कि 100 ग्राम वजन बहुत कम है। यह एथलीट के वजन के 0.1% से 0.2% से ज्यादा नहीं है। यह गर्मी के मौसम में इंसान के शरीर के फूलने से भी आसानी से बढ़ सकता है क्योंकि गर्मी के कारण इंसान की जीवित रहने की जरूरत की वजह से शरीर में ज्यादा पानी जमा होता है।
इसके अलावा विनेश को एक ही दिन में 3 कॉम्पिटिशन लड़ने पड़े। इस दौरान एनर्जी को मेंटेन करने के लिए भी उन्हें खाना पड़ा।
इसके अलावा भारतीय पक्ष ने कहा कि खेल गांव और ओलिंपिक गेम्स के एरीना के बीच की दूरी और पहले दिन फाइट के टाइट शेड्यूल की वजह से विनेश को वजन घटाने का पर्याप्त टाइम नहीं मिला। विनेश का वजन पहले दिन की 3 कुश्तियां लड़ने के बाद 52.7 किलो पहुंच चुका था।
भारतीय पक्ष ने यह भी कहा कि विनेश को 100 ग्राम वजन बढ़ने से दूसरे रेसलर के मुकाबले कोई फायदा नहीं होना था। यह सिर्फ जरूरी रिकवरी प्रोसेस का परिणाम था। एक दिन में लगातार 3 मुकाबले लड़ने के बाद उसके शरीर को डाइट की भी जरूरत थी।
भारतीय पक्ष ने यह भी दलील दी कि विनेश फोगाट के मामले में कोई धोखाधड़ी या हेराफेरी जैसी बात नहीं है। न ही कोई डोपिंग जैसा कोई इश्यू है।
पहले सारे मुकाबले सही लड़ने और फाइनल में अयोग्य होने की वजह से विनेश को कड़ी मेहनत के बावजूद सिल्वर मेडल से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।
इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन ने कहा- पॉजिटिव रिजल्ट की उम्मीद
इस बारे में इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) ने कहा- भारतीय ओलिंपिक संघ को पॉजिटिव रिजल्ट की उम्मीद है। प्रेजिडेंट पीटी उषा ने कहा- विनेश का साथ देना हमारा फर्ज है। फैसला चाहे जो भी आए, हम विनेश के साथ खड़े हैं।