विदेश मंत्री एस जयशंकर भारतीय समय के मुताबिक शुक्रवार देर रात ने कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली से मिले। दोनों की यह मुलाकात जर्मनी में आयोजित म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में हुई। यह कॉन्फ्रेंस 16-18 फरवरी तक चलेगी।
इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और कनाडा के रिश्तों पर चर्चा की। दरअसल, जून 2023 में हुई खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव है।
ग्लोबल मुद्दों पर भी चर्चा की
जयशंकर ने इस मुलाकात की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दी। उन्होंने लिखा- कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली से मुलाकात हुई। इस दौरान हमने दोनों देश के रिश्तों की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की। हमने ग्लोबल इशू पर भी बातचीत की।
18 जून 2023 को हुई थी निज्जर की हत्या
18 जून 2023 की शाम कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया स्थित गुरुद्वारा की पार्किंग में खालिस्तान टाइगर फोर्स के चीफ आतंकी हरदीप सिंह निज्जर पर दो युवकों ने फायरिंग कर दी थी। निज्जर की मौके पर ही मौत हो गई। निज्जर को भारत ने भगोड़ा घोषित कर रखा था और इस पर 10 लाख रुपए का इनाम भी था।
3 महीने बाद यानी 18 सितंबर 2023 को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाउस ऑफ कॉमन्स यानी वहां की संसद में एक बयान दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि जून में ब्रिटिश कोलंबिया में निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट्स का हाथ हो सकता है। ट्रूडो का इशारा भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ की तरफ था।
ट्रूडो ने निज्जर मामले में कई बार दोहराए आरोप
UN जनरल असेंबली के सेशन के लिए जब कनाडाई प्रधानमंत्री न्यूयॉर्क पहुंचे थे, तब भी उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था- हम भारत सरकार से निज्जर की हत्या की जांच में सहयोग की मांग करते हैं, ताकि मामले की सच्चाई सामने आ सके।
कनाडा में मौजूद भारतीय हाई कमिश्नर संजय वर्मा ने न्यूज चैनल CTV न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा था- निज्जर की हत्या की जांच हुए बिना ही भारत को दोषी ठहरा दिया गया। इन सबके बाद भारत से जांच में सहयोग करने को कहा गया।
अमेरिका ने निज्जर की हत्या पर खुफिया जानकारी दी थी
केस से जुड़े अफसरों के हवाले से जानकारी दी कि निज्जर की हत्या के बाद अमेरिका की स्पाई एजेंसियों ने कनाडा के साथ इस केस से जुड़ी जानकारियां साझा की थीं। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत पर आरोप लगाते समय कनाडा ने जिस खुफिया का हवाला दिया था, वह उसने खुद जुटाई थी।
निज्जर की हत्या के बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने कनाडा को इंटेलिजेंस इकट्ठा करने में मदद की थी। इसी के आधार पर कनाडा को यह निष्कर्ष निकालने में मदद मिली कि भारत इसमें शामिल था। हालांकि, कनाडा ने खुद भारतीय डिप्लोमैट्स की निगरानी करके उनकी कम्युनिकेशन डिटेल्स का पता लगाया था, जिनके आधार पर निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट्स के शामिल होने का आरोप लगाया गया था।
अमेरिका और कनाडा के बीच फाइव आइज अलायंस का हिस्सा होने के नाते इंटेलिजेंस शेयरिंग होती है। लेकिन हत्या के बारे में जानकारी खासतौर पर खुफिया एजेंसियों ने अपने पैकेज में शेयर की थीं। इससे पहले शनिवार को कनाडाई मीडिया CTV न्यूज ने बताया था कि कनाडा में अमेरिका के ऐंबैस्डर डेविड कोहेन ने इस बात की पुष्टि की थी कि फाइव आइज देशों ने मिलकर निज्जर की हत्या पर इंटेलिजेंस जुटाया था।