यूक्रेन ने बुधवार को दावा किया कि उसने काले सागर में रूस का एक और वॉरशिप तबाह कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक- यूक्रेन की नेवी ने इस वॉरशिप पर ड्रोन से मिसाइल दागी और कुछ देर बाद इसमें आग लग गई। इस वॉरशिप के डूबने की खबर है।
दूसरी तरफ, यूक्रेन के इस दावे पर अब तक मॉस्को की तरफ से कोई रिएक्शन नहीं आया है। यूक्रेन ने रूस के जिस वॉरशिप को डुबाने का दावा किया है, उसका नाम कुनिकोव है। 22 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। इसके बाद से यह जंग जारी है।
वारशिप को कैसे बनाया निशाना
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- यूक्रेन की मिलिट्री इंटेलेजेंस को कुछ दिन पहले यह रिपोर्ट मिली थी कि रूस की नेवी ब्लैक सी से यूक्रेन के अहम ठिकानों पर हमला करने जा रही है। इसके बाद काउंटर अटैक की प्लानिंग की गई। इसी दौरान यह तय किया गया कि रूस के जहाज की तरफ से होने वाले हमले से पहले ही इसे तबाह कर दिया जाए।
बुधवार तड़के मागुरा ड्रोन के जरिए इस पर कई मिसाइलें दागी गईं। इसका वीडियो फुटेज भी सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक- मिसाइल लगने के बाद इसके बाएं हिस्से में बड़ा धमाका हुआ। कुछ देर बाद यह डूब गया। अब तक यह साफ नहीं हो सका है कि इस वॉरशिप पर कितने सैनिक या स्टाफ मौजूद था। यूक्रेन की नेवी ने भी यह जानकारी अब तक नहीं दी है।
रूस की नेवी का 33% हिस्सा खत्म
यूक्रेन की नेवी का दावा है कि जंग के दौरान रूस की नेवी का 33% हिस्सा खत्म हो चुका है। उसके तीन वॉरशिप तबाह हो गए हैं। इसके अलावा 24 छोटे शिप और कुछ सबमरीन भी अब इस्तेमाल के लायक नहीं हैं।
यूक्रेन की नेवी के तरफ से जारी बयान में कहा गया- फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि हमारा एक ड्रोन रूसी वॉरशिप की तरफ बढ़ता है और चंद सेकंड के बाद उस वॉरशिप में आग लग जाती है।
3 लाख से ज्यादा रूसी सैनिकों की मौत
अमेरिकी इंटेलिजेंस के मुताबिक रूस-यूक्रेन जंग में 3 लाख 15 हजार से ज्यादा रूसी सैनिकों की मौत हो चुकी है। 24 फरवरी 2022 को शुरू हुई इस जंग के पहले रूसी सेना में 3 लाख 60 हजार सैनिक थे।
द वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक- जंग ने रूसी सेना को आधुनिक बनाने के पुतिन की कोशिशों को 15 साल पीछे धकेल दिया है। इस नुकसान से उबरने के लिए रूस अपनी सेना में रिहा हुए कैदियों को भर्ती कर रहा है। साथ ही जंग के मैदान में भी भेज रहा है।
हाल ही में यूक्रेन ने दावा किया था कि रूसी सैनिकों में एक रहस्यमयी बीमारी फैल रही है। इसके चलते सैनिकों की आंखें लाल हो रही और वो उल्टियां कर रहे हैं। उनकी किडनी भी फेल हो रही है। यूक्रेन का कहना है कि रूसी सैनिकों ने बीमारी को लेकर अपने कमांडरों से शिकायत की। लेकिन कमांडर शिकायतों को अनसुना करते हुए सैनिकों को जंग के मैदान में भेज रहे हैं। कमांडरों का मानना है कि सैनिक अब लड़ना नहीं चाहते इसलिए बहाने बना रहे हैं।
यूक्रेन की महिलाओं से रेप
कई यूक्रेनी महिलाओं ने बच्चों को बचाने के लिए खुद को रूसी सैनिकों के हवाले कर दिया और इनके साथ गैंग रेप तक किया गया।
इस रिपोर्ट में सेक्शुअल वॉयलेंस या रेप के 230 मामलों का जिक्र है। ये सिर्फ वो आंकड़ा या मामलात हैं, जो सामने आ सके हैं। इसके अलावा ऐसे कितने मामले होंगे, इसका अंदाजाभर लगाया जा सकता है। अंदाजा इस बात का भी लगाया जा सकता है कि इस मानसिक और शारीरिक शोषण का इन महिलाओं और बच्चों पर कितना भयावह असर हुआ होगा।
एक विक्टिम के मुताबिक- रूसी सैनिक घर में घुसे और गन पॉइंट पर उसे बिस्तर पर पटक दिया। पहले महिला के साथ रेप किया और बाद उसकी ही आंखों के सामने 6 साल की बच्ची को दरिंदगी का शिकार बनाया गया। इस घटना के 30 मिनट बाद पड़ोस के एक घर में एक और महिला के साथ भी रेप हुआ। पड़ोस से भी चीखने की आवाजें आती रहीं।
कीव के इस इलाके में उस रात रूसी सैनिकों ने लगभग हर यूक्रेनी महिला के साथ रेप किया। अब यह महिलाएं असहनीय मानसिक और शारीरिक दर्द से गुजर रही हैं। ये उस खौफनाक रात को शायद ही कभी भूल पाएंगी।
सेक्शुअल क्राइम के जो मामले सामने आ रहे हैं, उन्हें इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट यानी ICC डील कर सकता है। वो इन महिलाओं को इंसाफ दिलाने वाली जिम्मेदार संस्था है। हालांकि, यह लीगल प्रॉसेस मुश्किल होने के साथ बहुत वक्त भी लेता है।
यूक्रेन सरकार अब विक्टिम्स को सदमे या ट्रॉमा से निकालने के लिए साइकोलॉजिस्ट की मदद ले रही है। इसका फायदा ये हुआ कि कई विक्टिम अब मदद हासिल करने के लिए आगे आ रही हैं।