24 फरवरी 2022 को शुरू हुई रूस-यूक्रेन जंग अब भी जारी है। इस बीच इंडिपेंडेंट मीडिया आउटलेट मोजेम ओब्यसनित ने दावा किया है कि जंग में घायल रूसी सैनिकों को मुआवजा में पैसे नहीं दिए जा रहे हैं। रूस की सरकार ने एक सैनिक को मुआवजे के तौर पर सब्जियां दी है।
रिपोर्ट में कहा गया- 45 साल के ओलेग रयबकिन यूक्रेन के खिलाफ जंग में सितंबर 2022 को शामिल हुए। जून 2023 में वो घायल हो गए। उनके घुटने में चोट आई। लिवर और किडनी पर भी चोट का असर हुआ। रूसी सेना ने उसे लड़ने के लिए अनफिट घोषित कर दिया। इसके बाद उनके परिवार ने मुआवजे की मांग की। सरकार ने पैसों के बदले गाजर और प्याज की बोरियां भेज दीं।
बिना सहारे चल नहीं पाता सैनिक
सैनिक ओलेग रयबकिन की पत्नी ने कहा- मेरे पति के घुटने में इतनी गहरी चोट है कि वो चल नहीं पाते। उनका पैर मुड़ता नहीं है। दर्द बना रहता है। इसे कम करने के लिए पेनकिलर्स देने पड़ते हैं। उन्हें चलने के लिए सहारे की जरूरत होती है। बिना सहारे वो ठीक से खड़े भी नहीं हो पाते। इलाज चल रहा है। पैसों की जरूरत है लेकिन सरकार मदद नहीं कर रही।
कई सैनिकों को मुआवजे के नाम पर सब्जियां भी नहीं मिलीं
रिपोर्ट में कहा गया कि कई सैनिकों को मुआवजे के नाम पर सब्जियां भी नहीं मिलीं। ऐसे ही सैनिकों में से एक हैं खिजरी कुराजोव। खिजरी अक्टूबर में यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई में घायल हो गए थे। उन्हें भी अनफिट घोषित किया गया। उन्होंने मुआवजे की मांग की, जो पूरी नहीं हुई। वो कोर्ट गए।
कोर्ट को दलील दी गई कि खिजरी को जो चोट लगी है वो यूक्रेनी हथियारों से नहीं लगी। कोर्ट में कहा गया कि खिजरी अपने ही साथी के हमले से घायल हुए हैं इसलिए उन्हें जंग से जुड़ा मुआवजा नहीं मिलना चाहिए। कोर्ट ने खिजरी के खिलाफ फैसला सुनाया और उन्हें मुआवजा नहीं मिला।
3 लाख से ज्यादा रूसी सैनिकों की मौत
अमेरिकी इंटेलिजेंस के मुताबिक रूस-यूक्रेन जंग में अब तक 3 लाख 15 हजार रूसी सैनिकों की मौत हुई है। 24 फरवरी 2022 को शुरू हुई इस जंग के पहले रूसी सेना में 3 लाख 60 हजार सैनिक थे।
द वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक जंग में 87% रूसी सैनिक मारे जा चुके हैं। जंग ने रूसी सेना को आधुनिक बनाने के पुतिन की कोशिशों को 15 साल पीछे धकेल दिया है। इस नुकसान से उबरने के लिए रूस अपनी सेना में रिहा हुए कैदियों को भर्ती कर रहा है। साथ ही जंग के मैदान में भी भेज रहा है।
रूसी सैनिकों में फैली रहस्यमयी बीमारी
हाल ही में यूक्रेन ने दावा किया था कि रूसी सैनिकों में एक रहस्यमयी बीमारी फैल रही है। इसके चलते सैनिकों की आंखें लाल हो रही और वो उल्टियां कर रहे हैं। उनकी किडनी भी फेल हो रही है।
यूक्रेन का कहना है कि यह बीमारी चूहों से फैल रही है। यूक्रेनी खुफिया विभाग ने इस बीमारी को रैट-बाइट फिवर या माउस-बाइट फिवर नाम दिया है। इससे रूसी सैनिकों की लड़ने की क्षमता में गिरावट देखी जा रही है।
यूक्रेन इंटेलिजेंस डायरेक्टोरेट ने कहा- चूहों के संपर्क में आने से रूसी सैनिकों में इन्फेक्शन फैल रहा है। इस वजह से उन्हें पीठ दर्द, सिर दर्द, रैश भी हो रहा है। शुरुआत में यह आम फ्लू की तरह लगता है। लेकिन धीरे-धीरे यह शरीर के अंगों जैसे- किडनी को डैमेज करने लगता है।
सैनिकों की शिकायत के बावजूत उन्हें लड़ने भेजा जा रहा
यूक्रेन का कहना है कि रूसी सैनिकों ने बीमारी को लेकर अपने कमांडरों से शिकायत की। लेकिन कमांडर शिकायतों को अनसुना करते हुए सैनिकों को जंग के मैदान में भेज रहे हैं। कमांडरों का मानना है कि सैनिक अब लड़ना नहीं चाहते इसलिए बहाने बना रहे हैं।
बीमारी ऐसे समय फैल रही है जब ठंड की वजह से सैनिक कई परेशानियों का सामने कर रहे हैं। 'द सन' की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ रहे रूसी सैनिकों को दवाएं, फर्स्ट एड, अन्य मेडिकल सुविधाएं, गर्म कपड़े नहीं मिल रहे हैं। यूक्रेन में तापमान माइनस 5 सेलसियस तक पहुंच गया है।