रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने शुक्रवार को बर्फीले पानी में डुबकी लगाई। दरअसल, वो एपिफेनी त्योहार मना रहे थे। मास्को टाइम्स ने क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव के हवाले से इसकी पुष्टि की। इसके तहत सुबह-सुबह जल्दी उठकर बर्फीले पानी में 3 बार डुबकी लगानी होती है।
इसके लिए पूरे रूस में जगह-जगह स्नान स्थल बनाए गए हैं। साइबेरिया में -30 डिग्री सेल्सियस के तापमान के बीच भी यह त्योहार मनाया गया। हालांकि, क्रेमलिन ने इस साल पुतिन के डुबकी लगाने का कोई फोटो-वीडियो जारी नहीं किया है।
सालों से एपिफेनी मना रहे हैं पुतिन
पेस्कोव ने शुक्रवार को बताया कि पुतिन सालों से इस त्योहार को मनाते आए हैं, लेकिन हर बार इससे जुड़ी तस्वीरें साझा नहीं की जाती हैं। हालांकि, इस खबर के बाद एपिफेनी त्योहार में पुतिन की डुबकी लगाने के पुराने वीडियो वायरल हो रहे हैं।
2018 में रूसी राष्ट्रपति के लिए उत्तर-पश्चिमी रूस में सेलिगर झील पर बर्फ में एक बड़ा गड्ढा करके बाथिंग टब की तरह दिखने वाला स्नान स्थल बनाया गया था। इसके बाद पुतिन सीढ़ी के जरिए इसमें उतरे और तीन बार बर्फीले पानी में डुबकी लगाई।
क्यों मनाया जाता है एपिफेनी त्योहार
फिर वो इस स्थल के दूसरे छोर से बाहर निकल गए। इस दौरान वहां -7 डिग्री सेल्सियस तापमान था। रूढ़ीवादी ईसाई आमतौर पर इस त्योहार को मनाते हैं। एपिफेनी सप्ताह के दौरान एक पुजारी पानी की पूजा करके उसे पवित्र करते हैं। माना जाता है कि इस पानी में कई बीमारियों का इलाज करने के गुण होते हैं।
यह त्योहार हर साल 19 जनवरी को ही मनाया जाता है। इस दौरान बर्फीले पानी में खुद को 3 बार डुबाना एक पारंपरिक प्रथा है। यह होली ट्रिनिटी यानी पवित्र त्रिमूर्तियों का प्रतीक होता है। पिछले साल 2023 में पुतिन ने यह त्योहार मॉस्को के ही एक उपनगर में मनाया था।
एपिफेनी स्नान जॉर्डन नदी में ईसा मसीह के बैपटिज्म की याद दिलाता है। 2007 में राष्ट्रपति पुतिन ने जॉर्डन की यात्रा की था। इस दौरान उन्होंने जॉर्डन नदी में अपने हाथ धोकर उस पवित्र स्थल का दौरा किया था, जहां ईसा मसीह को सेंट जॉन द बैपटिस्ट ने बैपटाइज किया था। इसी जगह के पास 2012 में रूसी तीर्थयात्रा स्थल बनाया गया था। इसके उद्घाटन में पुतिन भी शामिल हुए थे।