नासा ने सोमवार को धरती से 3.10 करोड़ किलोमीटर दूर एक स्पेसशिप से अल्ट्रा HD वीडियो शेयर किया है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब डीप स्पेस यानी स्पेस में बहुत दूर से इतना हाई क्वालिटी वीडियो पृथ्वी पर भेजा गया हो।
15 सेकेंड के इस वीडियो में एक बिल्ली लेजर लाइट की बीम को पकड़ने की कोशिश करती नजर आ रही है। नासा के मुताबिक, इसे भेजने में करीब 101 सेकेंड का समय लगा। वीडियो 267 mbps की स्पीड से भेजा गया। जब इसे शेयर किया गया तब स्पेसशिप धरती और चांद की दूरी से 80 गुना ज्यादा दूर था।
नासा ने बताया कि ये कामयाबी इसलिए अहम है क्योंकि इस तकनीक का इस्तेमाल आगे चलकर हाई-डेटा को शेयर करने में किया जा सकेगा। यह इंसानों को मंगल ग्रह पर भेजने के मिशन में अहम भूमिका निभाएगा।
मिशन का मकसद स्पेस से ब्रॉडबैंड वीडियो शेयर करना
वीडियो को साइक स्पेसशिप से एक लेजर ट्रांसीवर के जरिए पृथ्वी पर भेजा गया था। ये स्पेसक्राफ्ट मार्स और जुपिटर के बीच एस्ट्रॉयड बेल्ट की यात्रा कर रहा है, जिससे ये एक रहस्यमय धातु का पता लगा सके। वीडियो सिग्नल को हेल टेलीस्कोप ने रिसीव किया। नासा ने बताया कि इसका एक मकसद लाखों मील की दूरी से ब्रॉडबैंड वीडियो शेयर करना है।
फिलहाल साइक स्पेसशिप में ऐसी कोई तकनीक नहीं है, जिसके जरिए वीडियो भेजा जा सके। नासा फिलहाल कम्युनिकेशन के लिए टेक्स्ट डेटा का इस्तेमाल करता है। स्पेस मिशन्स में आमतौर पर रेडियो वेव्स के जरिए डेटा भेजा और रिसीव किया जाता है। लेजर का इस्तेमाल करके डेटा शेयरिंग स्पीड को 10-100 गुना तक बढ़ाया जा सकता है।
वीडियो के लिए बिल्ली को ही क्यों चुना?
अमेरिका में 1920 के दशक में टेलीविजन में लोगों की रुचि तेजी से बढ़ने लगी थी। तब इमेज को टेस्ट करने के लिए एक बिल्ली के स्टैच्यू की तस्वीर शेयर की गई थी। वहीं बिल्ली से जुड़े कई वीडियोज और मीम अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं।
13 अक्टूबर को लॉन्च हुआ था Psyche स्पेसक्राफ्ट
Psyche स्पेसक्राफ्ट को 13 अक्टूबर को फ्लोरिडा स्थित केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था। इस एक्सपेरिमेंट के लिए डीप स्पेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशंस (DSOC) सिस्टम का इस्तेमाल किया गया। ये DSOC सिस्टम Psyche स्पेसक्राफ्ट पर लगाया गया था। इस सिस्टम का इस्तेमाल लेजर-बीम मैसेज को पृथ्वी पर वापस भेजने के लिए किया जाता है।
14 नवंबर को रिसीव हुआ था मैसेज
नासा ने बताया कि 14 नवंबर को Psyche स्पेसक्राफ्ट ने कैलिफोर्निया में पालोमर ऑब्जर्वेटरी में हेल टेलिस्कोप के साथ एक कम्युनिकेशन लिंक स्थापित किया। इस कम्युनिकेशन लिंक के सफल प्रयोग को 'फर्स्ट लाइट' नाम दिया गया है।
इस दौरान DSOC के नियर-इंफ्रारेड फोटॉन को Psyche से पृथ्वी तक यात्रा करने में लगभग 50 सेकंड का समय लगा। इस टेस्ट के दौरान डेटा को ‘क्लोजिग द लिंक’ तकनीक के तहत अपलिंक और डाउनलिंक लेजर के माध्यम से भेजा गया था।