दुबई । कप्तान विराट कोहली की रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) 19 सितंबर से शुरु हो रहे आईपीएल के 13वें सत्र में अपने खिताबी सूखे को समाप्त करने के इरादे से उतरेगी। विराट के अलाव एबी डिविलियर्स जैसे स्टार बल्लेबाजों के होते हुए भी टीम अब तक एक बार भी खिताब हासिल नहीं कर पायी है। आरसीबी तीन बार 2009, 2011 और 2016 में आईपीएल फाइनल में पहुंची थी पर उसे यहां हार का सामना करना पड़ा। इससे विराट की कप्तान पर भी सवाल उठे हैं। इसके बाद भी आरसीबी ने उनपर अपना भरोसा जताया है। वहीं पिछले तीन सत्र 2017, 2018 और 2019 में टीम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है और वह शुरुआत में ही बाहर हो गयी। ऐसे में प्रशंसकों को उम्मीद है कि इस बार टीम अच्छी शुरुआत कर खिताबी मुकाबला जीतेगी। 19 सितंबर को आईपीएल के शुरुआती मैच में आरसीबी के सामने महेन्द्र सिंह धोनी की चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) होगी। सीएसके में इस बार बल्लेबाज सुरेश रैना और दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह शामिल नहीं है। इसका भी लाभ आरसीबी को मिलेगा क्योंकि रैना आईपीएल में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज हैं। वहीं हरभजन के नहीं होने से सीएसके की गेंदबाजी कमजोर होगी।
आरसीबी टीम के पास विराट के अलावा डिविलियर्स जैसे शीर्ष बल्लेबाज हैं। इसके अलावा गेंदबाजी की बात करें तो आरसीबी के पास डेल स्टेन जैसे तेज गेंदबाज के अवावा युजवेंद्र चहल जैसा स्पिनर है। स्टेन जहां टीम के तेज गेंदबाजी आक्रमण की कमान संभालेंगे। वहीं चहल पर स्पिन की जिम्मेदारी होगी। टीम के पास क्रिस मॉरिस, मोईन अली और शिवम दुबे जैसे शानदार ऑलराउंडर भी हैं। मोईन तेजी से रन बटोरने के अलावा अपनी स्पिन से बल्लेबाजों पर अंकुश लगा सकते हैं। युवा शिवम में बड़े शॉट लगाने की क्षमता है। मॉरिस को इस फ्रेंचाइजी ने इस बार 10 करोड़ रुपये देकर खरीदा है। इनकी कीमत से इनका महत्व समझा जा सकता है।
आरसीबी की सबसे बड़ी कमजोरी सही बल्लेबाजी क्रम तय नहीं कर पाना रहा है। टीम को अभी तक स्थाई सलामी जोड़ी नहीं मिली है। टीम पूरी तरह से विराट और एबी डिविलियर्स पर निर्भर नजर आती रही है। इन दोनों के प्रदर्शन पर ही टीम का भविष्य टिका होता है। अब तक के आईपीएल मुकाबलों में टीम अपने नाम के अनुरुप प्रदर्शन नहीं कर पायी है। उसके बल्लेबाज और गेंदबाज मैदान पर अपनी रणनीति को अमल में नहीं ला पाये हैं।