होली पर 100 साल बाद दुर्लभ संयोग, लगेगा 4 घंटे 36 मिनट का चंद्र ग्रहण
Updated on
25-03-2024 07:40 PM
आज 25 मार्च को पूरे देश में होली का त्योहार उत्साह पूर्वक मनाया जा रहा है. हिंदू धर्म में होली के त्योहार का विशेष महत्व होता है. वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन की जाती है और फिर अगले दिन धुलेंडी पर रंग गुलाल वाली होली खेली जाती है.
होली के त्योहार में इस बार ग्रहों ने भी अपनी चाल बदल दी है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 100 साल बाद 25 मार्च, सोमवार को चंद्र ग्रहण का योग बन रहा है जो इस साल का पहला चंद्र ग्रहण होगा. चंद्र ग्रहण तब होता है, जब पृथ्वी अपने कक्ष की परिक्रमा करते हुए सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है.
इस बार का ग्रहण उपच्छाया है और ग्रहण काल में भारत में दिन होगा इसलिए ये चंद्रग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा. अत: भारत में इसका कोई असर नहीं होगा और किसी भी प्रकार का कोई सूतक काल मान्य नहीं होगा. इस ग्रहण का कैसा भी प्रभाव होली के पर्व पर दिखाई नहीं देगा. ऐसे में होली की पूजा ग्रहण रहित मानी जाएगी. इसलिए आप निश्चिंत होकर त्योहार माना सकते हैं.
कन्या राशि और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में लगने जा रहा यह चंद्र ग्रहण 25 मार्च, सोमवार को सुबह 10 बजकर 30 मिनट से शुरू होगा और समापन दोपहर 3 बजकर 02 मिनट पर होगा. चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 36 मिनट की होगी. यूरोप, पूर्व एशिया ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में दिखाई पड़ने वाले इस ग्रहण की पूर्णता पर दोपहर 12 बजकर 42 मिनट पर होगी. ऐसे ग्रहण में चंद्रमा, पृथ्वी की छाया के एक बाहरी इलाके से गुजरता है जिसे पेनुम्ब्रा कहा जाता है.
ज्योतिष और विज्ञान दोनों ही विधाओं में इस प्राकृतिक घटना का विशेष महत्व बताया गया है. ये ग्रहों और नक्षत्रों का ऐसा संयोग है जो दुनिया पर अपना प्रभाव छोड़ता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण काल के दौरान महामृत्युंजय मंत्र, गायत्री मंत्र और नवग्रह मंत्रों का जाप करने से शुभ फल मिलता है. चंद्र ग्रहण के दौरान जरूरतमंदों में काला तिल, आटा, उड़द दाल, चीनी, चावल और सफेद कपड़े का दान करना भी शुभ माना जाता है.
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