अमेरिका से गुरुवार को पूछा गया कि वह अरविंद केजरीवाल के मामले में बयान देता है, लेकिन पाकिस्तान में विपक्ष के जेल होने पर कुछ क्यों नहीं बोलता? इसके जवाब में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि दोनों देशों के प्रति हमारे रवैये में कोई अंतर नहीं है।
एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान मिलर ने कहा, "हम ऐसा नहीं मानते। हम पाकिस्तान में हर किसी के साथ कानून के मुताबिक व्यवहार होते देखना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि वहां भी मानवाधिकार सुरक्षित रहे।"
दरअसल, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लंबे समय से जेल में हैं। उन्हें लेकर अमेरिका चुप रहता है। हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ED ने गिरफ्तार किया। इसे लेकर अमेरिका ने कहा कि वो निष्पक्ष, पारदर्शी, समय पर कानूनी प्रक्रिया का मांग करता है।
अमेरिकी ने कहा था- केजरीवाल की गिरफ्तारी पर हमारी नजर
25 मार्च को अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा था- हमारी सरकार केजरीवाल की गिरफ्तारी के मामले पर नजर बनाए हुए है। हम उम्मीद करते हैं कि इस मामले में कानूनी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी होगी। इस दौरान कानून और लोकतंत्र के मूल्यों का पालन किया जाएगा।
जर्मनी ने भी कहा था- लोकतंत्र के उसूलों का पालन किया जाए
23 मार्च को जर्मनी ने कहा था, "भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हमें उम्मीद है कि यहां न्यायालय आजाद है। केजरीवाल के मामले में भी लोकतंत्र के उसूलों का पालन किया जाएगा। केजरीवाल को बिना रुकावट कानूनी मदद मिलेगी। जब तक दोष साबित न हो तब तक किसी भी शख्स को निर्दोष मानने के कानूनी सिद्धांत का पालन होना चाहिए।"
जर्मनी के बयान पर भारत ने उनकी ऐंबैसी के डिप्टी हेड को तलब किया था। कहा था, "जर्मनी भारत के आतंरिक मामलों में दखलंदाजी न करे। हम इस तरह के बयानों को हमारी न्यायिक प्रक्रिया में दखल मानते हैं, इस तरह के बयान हमारे न्यायालय की निष्पक्षता और आजादी पर सवाल खड़े करते हैं। भारत एक ताकतवर लोकतंत्र है, जहां कानून का पालन होता है। दूसरे मामलों की तरह इस मामले (केजरीवाल की गिरफ्तारी) में भी कानून के तहत कार्रवाई होगी।"
अमेरिकी डिप्लोमैट को भी तलब किया था
दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिका के बयान के एक दिन बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी डिप्लोमैट ग्लोरिया बर्बेना को तलब किया था। इसके बाद विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के बयान का विरोध भी किया। कहा, "भारत में कानूनी कार्रवाई पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का बयान गलत है। कूटनीति में उम्मीद की जाती है कि देश एक-दूसरे के आंतरिक मसलों और संप्रभुता का सम्मान करेंगे।"
शराब नीति मामले में हुई केजरीवाल की गिरफ्तारी
शराब नीति मामले में केजरीवाल को 21 मार्च को उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था। वे 28 मार्च तक ED की हिरासत में हैं। केजरीवाल ED कस्टडी से सरकार चला रहे हैं। उन्होंने कोर्ट में पेशी के समय कहा था कि वे इस्तीफा नहीं देंगे और जरूरत पड़ी तो जेल से सरकार चलाएंगे।