रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने गुरुवार को देश को संबोधित किया। उन्होंने करीब 4 घंटे तक मीडिया और जनता के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा- यूक्रेन पश्चिमी देशों के टुकड़ों पर जी रहा है। पश्चिमी देश लगातार उसे मदद भेज रहे हैं, हथियार दे रहे हैं, लेकिन ये सप्लाई एक दिन रुक जाएगी।
पश्चिमी देशों ने इस बात की पूरी कोशिश की कि रूस और यूक्रेन में कभी अच्छे रिश्ते न बन पाएं। यूक्रेन में शांति तब होगी जब हम अपने मकसद को पूरा कर लेंगे। हमारा लक्ष्य अब भी पहले जैसा ही है। दुनिया देख रही है कि रूस अपने हितों के लिए लड़ने से नहीं डरता है।
पुतिन ने कहा- यूक्रेन को सेना से मुक्त करना हमारे एजेंडे में है। यूक्रेन शांति पर बात नहीं करना चाहता है इसलिए हम मिलिट्री एक्शन ले रहे हैं। उनके राजनेता लापरवाही के साथ अपने ही सैनिकों को बर्बाद कर रहे हैं। यूक्रेन खुद ही अपनी बर्बादी का रास्ता बना रहा है। हम अब तक यूक्रेन में हजारों टैंकों को तबाह कर चुके हैं।
अमेरिका दुनिया के लिए जरूरी
रूस शांति के लिए तैयार है, लेकिन पश्चिमी देश ऐसा बर्ताव करते हैं, जैसे उन्हें इस बारे में कुछ नहीं पता। यूरोपीय देश अपनी संप्रभुता खो चुके हैं। वो अमेरिका से ऑर्डर लेते हैं। इसके बावजूद हम अब भी अमेरिका से बात करने के लिए तैयार हैं। हमारा मानना है कि अमेरिका दुनिया के लिए जरूरी है।
पुतिन से पुतिन ने ही पूछा सवाल
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पुतिन खुद से ही सवाल पूछते नजर आए। दरअसल सेंट पीटर्सबर्ग की स्टेट यूनिवर्सिटी के एक स्टूडेंट ने डीप फेक की मदद से खुद को पुतिन जैसा दिखाया। इसके बाद वीडियो कॉल के जरिए उसने रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर सवाल पूछा। पुतिन ने कहा- इसके विकास को रोकना असंभव है, तो इसका मतलब है कि हमें भी इसमें आगे बढ़ना होगा।
इस दौरान पुतिन ने ये भी कहा कि उनका कोई हमशक्ल या बॉडी डबल नहीं है। मजाकिया लहजे में पुतिन ने कहा- स्क्रीन पर डीप फेक पुतिन मेरा पहला बॉडी डबल है।
यूक्रेन में सिविल वॉर चल रहा है, वो हार रहा है
पुतिन ने कहा- हमने यूरोपियन यूनियन के साथ कभी भी रिश्ते खराब नहीं किए। वो हमेशा हमें पीछे धकेलते रहते हैं। हम दशकों से यूक्रेन के साथ भी अच्छे रिश्ते बनाने की कोशिश कर रहे थे।
यूक्रेन जंग की शुरुआत तभी हो गई थी, जब 2014 में पश्चिमी देशों ने मिलकर यूक्रेन में तख्तापलट किया और तत्कालीन राष्ट्रपति विक्टर यानूकोविच की सरकार हटा दी गई। यूक्रेन में सिविल वॉर चल रहा है। उनका साउथ-ईस्ट भाग हमेशा से रूस के साथ रहा है।
उन्होंने कहा- यूक्रेन का काउंटर ऑफेंसिव फेल हो चुका है। वो खुद ही अपने सैनिकों को मिटाने में लगा हुआ है। जंग वन-वे टिकट होता है। यूक्रेन पूरी दुनिया से पैसे मांग रहा है, लेकिन वो मैदान में लगातार हार रहा है।
सभी मोर्चों पर रूसी सैनिक आगे बढ़ रहे
रूस की सेना में शामिल होने के लिए अब तक 4.86 लाख लोगों ने अपना नाम लिखवाया है। सभी मोर्चों पर हमारे सैनिक आगे बढ़ रहे हैं। रूस डोनेट्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन और जपोरीजिया जैसे यूक्रेनी क्षेत्रों में एकीकरण और विकास पर हर साल करीब 92.68 हजार करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बना रहा है।
गाजा और यूक्रेन जंग में कोई समानता नहीं
पुतिन ने इजराइल-हमास जंग पर किए गए सवाल का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा- तुर्किये के राष्ट्रपति गाजा में शांति स्थापित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। गाजा और यूक्रेन जंग में कोई समानता नहीं है। गाजा के मामले में UN में कई बार समाधान पर बात हुई, लेकिन कुछ देश इसे लागू नहीं होने दे रहे हैं। मिडिल ईस्ट में समस्या को सुलझाने के लिए टू-स्टेट सॉल्यूशन ही इकलौता रास्ता है।
रूस की GDP में 3.5% की ग्रोथ की उम्मीद
रूस का संप्रभुता के बिना कोई अस्तित्व नहीं है। रूस अपनी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के काबिल है। हमारे आर्थिक विकास से कई लोग सकते में हैं। हम इस साल के अंत तक देश की GDP में 3.5% की ग्रोथ की उम्मीद कर रहे हैं।
दो साल बाद हो रही यह कॉन्फ्रेंस
पुतिन हर साल के आखिर में यह कॉन्फ्रेंस करते हैं। हालांकि पिछले दो साल से पुतिन ने यह कॉन्फ्रेंस नहीं की। 2021 में कोरोना और 2022 में यूक्रेन के साथ जंग के चलते यह कॉन्फ्रेंस नहीं हुई थी।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह कॉन्फ्रेंस पुतिन के कैलेंडर का मुख्य हिस्सा है। वो इसे ग्लोबल मुद्दों पर अपनी पकड़ दिखाने के मौके के तौर पर देखते हैं। वो लोगों से सरकारी नीतियों का फीडबैक भी लेते हैं।
जंग खत्म करने की बात कह चुके हैं पुतिन
G20 की वर्चुअल समिट के दौरान पुतिन ने लगभग दो साल से जारी रूस-यूक्रेन जंग खत्म किए जाने का जिक्र किया था। पुतिन ने कहा था- अब यूक्रेन के साथ जंग खत्म करने का समय आ गया है। हम बातचीत के लिए तैयार हैं। हमने कभी भी शांति वार्ता के लिए मना नहीं किया। ये यूक्रेनी कानून के कारण रुकी है।
दरअसल, अक्टूबर 2022 में यूक्रेन के प्रेसिडेंट वोलोदिमिर जेलेंस्की ने आधिकारिक तौर पर पुतिन के साथ किसी भी यूक्रेनी वार्ता की संभावना को असंभव घोषित करते हुए एक डिक्री (ऑफिशियल डिसीजन) पर साइन किए थे। हालांकि इसमें रूसी सरकार के साथ बातचीत के लिए दरवाजा खुला होने की बात थी।
24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था
रूसी सैनिकों ने यूक्रेन पर 24 फरवरी 2022 को हमला कर दिया था। इसके पीछे व्लादिमिर पुतिन का मकसद एक ही था- यूक्रेन पर कब्जा। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को यह मंजूर नहीं था, लिहाजा एक साल बाद भी यह जंग जारी है।
इस जंग में दोनों देशों को काफी नुकसान हुआ। इन्फ्रास्ट्रक्चर और मिलिट्री इक्विपमेंट्स तबाह हुए। पुख्ता आंकड़े तो नहीं हैं, लेकिन माना जाता है कि इस जंग में दोनों तरफ के हजारों लोग और सैनिक मारे जा चुके हैं।
हालांकि 23 दिसंबर 2022 को पुतिन ने ऐलान किया था कि वे जल्द ही युद्ध को खत्म करना चाहते हैं। पुतिन ने कहा था- इस संघर्ष को खत्म करना हमारा मुख्य मकसद है। हम इसके लिए प्रयास कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे, लेकिन नए साल यानी 1 जनवरी 2023 को पुतिन-जेलेंस्की में जुबानी जंग हो गई।
दोनों ने अपने देश को संबोधित किया था। पुतिन ने 9 मिनट लंबे संबोधन में कहा था- हमारी सेना अपनी जमीन, सच्चाई और न्याय के लिए लड़ रही है। हम रूस और अपने परिवारों के लिए जंग जीतेंगे।
इसके पलटवार में यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदोमिर जेलेंस्की ने भी वीडियो मैसेज जारी किया था- उन्होंने रूस के लोगों से कहा कि पुतिन उन्हें तबाह कर रहे हैं। वे अपने सैनिकों का नेतृत्व नहीं कर रहे बल्कि उनकी आड़ में छिप रहे हैं।