रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने कहा है कि उनके देश के वैज्ञानिक जल्द ही कैंसर की वैक्सीन तैयार करने जा रहे हैं। पुतिन ने मॉस्को फोरम ऑन फ्यूचर टेक्नोलॉजी प्रोग्राम के दौरान इस बारे में जानकारी दी।
पुतिन का दावा है कि कैंसर वैक्सीन जल्द ही मरीजों को उपलब्ध हो जाएगी। पुतिन ने हालांकि यह खुलासा नहीं किया कि प्रस्तावित टीके कब से मिलने लगेंगे और किस प्रकार के कैंसर को होने से रोकेंगे। टीका किस तरह से लोगों तक पहुंचाया जाएगा, इस बारे में भी उन्होंने कुछ नहीं बताया है।
कंपनी-सरकारें जुटीं
रूस के अलावा भी कई देश कैंसर की दवा और वैक्सीन बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। ब्रिटिश सरकार ने जर्मनी की बायोएनटेक कंपनी के साथ कैंसर वैक्सीन के लिए करार किया है। 2030 तक 10 हजार कैंसर रोगियों के उपचार का लक्ष्य है। अमेरिका की मॉडर्ना और मर्क कंपनी त्वचा कैंसर की वैक्सीन बना रही हैं।
कैंसर की दवा का ह्यूमन ट्रायल
सितंबर 2023 में अमेरिका में कैंसर की AOH1996 नाम की दवा का ह्यूमन ट्रायल शुरू हुआ। साइंटिस्ट्स का कहना है कि ये दवा शरीर के हेल्दी सेल्स को नुकसान पहुंचाए बिना ही कैंसर ट्यूमर को जड़ से खत्म कर सकती है।
साइंटिस्ट्स ने बताया कि दवा का नाम 1996 में पैदा हुई आना ओलिविया हीली से प्रेरित है। उसे न्यूरोब्लास्टोमा नाम का कैंसर था। 2005 में आना की मौत हो गई थी। वो 9 साल की थीं।न्यूरोब्लास्टोमा बच्चों को होने वाला एक कैंसर है।
ये एड्रिनल ग्लैंड्स का कैंसर है, जो पेट, छाती, गले की हड्डियों में विकसित होता है। एक साइंटिस्ट ने कहा- हमने कैंसर खत्म करने वाली नई दवा का नाम AOH1996 नौ साल की आना ओलिविया हीली को श्रद्धांजलि देने के लिए रखा है।
भारत में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को कैंसर
भारत में 2022 में कैंसर के 14.13 लाख नए केस सामने आए। इनमें 7.22 लाख महिलाओं में जबकि 6.91 लाख पुरुषों में कैंसर पाया गया। 2022 में 9.16 लाख मरीजों की कैंसर से मौत हुई।
आंकलन- 5 साल में भारत में 12% की दर से कैंसर मरीज बढ़ेंगे
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) का आकलन है कि 5 साल में देश में 12% की दर से कैंसर मरीज बढ़ेंगे, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती कम उम्र में कैंसर का शिकार होने की है। नेचर जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, कम उम्र में कैंसर की सबसे बड़ी वजहों में हमारी लाइफस्टाइल है।
ग्लोबल कैंसर ऑब्जरवेटरी के आंकड़ों के अनुसार, 50 साल की उम्र से पहले ब्रेस्ट, प्रोस्टेट और थायराइड कैंसर सबसे ज्यादा हो रहे हैं। भारत में ब्रेस्ट कैंसर, मुंह का कैंसर, गर्भाशय और फेफड़ों के कैंसर के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।