यूरोपीय देश स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको (56) पर बुधवार को 71 साल के व्यक्ति ने जानलेवा हमला किया। हमलावर ने उन्हें 5 गोलियां मारीं, एक गोली फिको के पेट में लगी। PM को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां साढ़े तीन घंटे तक उनकी सर्जरी चली।
स्लोवाकिया के डिप्टी PM थॉमस तराबा ने बताया कि फिको का ऑपरेशन हो गया है और उन्हें उम्मीद है कि वे इस हमले से उबर जाएंगे। उनकी जिंदगी खतरे से बाहर है। इंटीरियर मिनिस्टर मातुस सुताज एस्टोक ने बताया कि हमलावर एक लेखक है।
रॉबर्ट फिको मीटिंग से बाहर निकले और हमला हुआ
फिको हिंडलोवा में एक सरकारी मीटिंग में थे। जब वे मीटिंग से बाहर निकले तो उन पर हमला हुआ। पुलिस ने हमलावर को मौके पर ही पकड़ लिया और हथकड़ी लगा दी।
लिटरेरी क्लब का फाउंडर है हमलावर
स्लोवाक मीडिया के मुताबिक, हमलावर लेविस का रहने वाला है। वह DUHA लिटरेरी क्लब का फाउंडर है। उसकी कविताओं के 3 कलेक्शन पब्लिश हुए हैं। वह स्लोवाक लेखकों की एसोसिएशन का मेंबर भी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले- मुश्किल घड़ी में साथ हैं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस हमले की निंदा की। उन्होंने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में भारत के लोग स्लोवाकिया के साथ खड़े हैं।अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने हमले की निंदा की और कहा कि मुश्किल वक्त में फिको के परिवार के साथ हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे भयानक अपराध बताया है।
कौन हैं 5 साल जेल में रहकर चुनाव जीतने वाले रॉबर्ट फिको
फिको 2006 से 2010 और 2012 से 2018 तक स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। इसके साथ ही वे स्लोवाकिया के इतिहास में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे हैं।
स्लोवाकिया में 30 सितंबर 2023 के संसदीय चुनाव में फिको ने एक बार फिर जीत हासिल की थी। फिको ये चुनाव 5 साल जेल में रहने के बाद पिछले साल स्लोवाकिया के संसदीय चुनाव जीते थे। इसके बाद वे विवादों में रहने लगे थे। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने चुनाव पश्चिम विरोधी मुद्दों पर लड़ा था।
फिको पर पत्रकारों पर भी हमले कराने के आरोप हैं। 2022 में उन्हें एक क्रिमिनल गैंग बनाने के आरोप और अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल करने का दोषी पाया गया था।
2018 में फिको की सरकार को एक खोजी पत्रकार येन कुचिएक और उसकी मंगेतर को मरवाने के आरोपों के चलते गिर गई थी। येन टैक्स फ्रॉड से जुड़ी एक रिपोर्ट पर काम कर रहे थे, जिनमें कई हाई प्रोफाइल नेताओं के शामिल होने की बात सामने आई थी।
फिको ने 2023 में PM बनते ही यूक्रेन को सैन्य सहायता देने पर रोक लगा दी थी। इसके चलते हजारों लोगों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किए थे। इसके बाद वे बार-बार रूस का समर्थन करते हुए दिखे थे। फिको रूस-यूक्रेन जंग के लिए नाटो और अमेरिका को दोषी मानते हैं। पश्चिमी देश फिको पर शरणार्थी और LGBTQ विरोधी होने का आरोप लगाते हैं।