प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के रोहतक की रहने वाली भारत की पहली 76 किलोग्राम ओलिंपियन पहलवान रितिका हुड्डा से मुलाकात की। इस दौरान पीएम ने पहलवान रितिका हुड्डा से बात की और उनका हौसला बढ़ाया।
रितिका हुड्डा ने पेरिस ओलिंपिक में हिस्सा लिया था। उन्होंने अपना पहला मुकाबला जीता था। दूसरे मुकाबले में रितिका हुड्डा 1-1 से बराबरी पर थीं, लेकिन तकनीकी कारणों से विरोधी पहलवान ने जीत हासिल कर ली। जिसके चलते रितिका ओलिंपिक से बाहर हो गईं। हालांकि पूरे देश को उनसे स्वर्ण पदक की उम्मीद थी।
रितिका हुड्डा और पीएम मोदी के बीच बातचीत
पीएम मोदी: तुम बहुत निराश लग रही हो बेटा।
रितिका हुड्डा: मैं पहली बार ओलिंपिक गई थी। एक-एक से बाउट हार गई थी। अगर मैं जीत जाती तो मैं फाइनल में पहुंच जाती। मैं गोल्ड मेडल भी जीत सकती थी। यह मेरी बदकिस्मती थी। दिन अच्छा नहीं था, इसलिए मैं हार गई।
पीएम मोदी: बेटी, तुम अभी छोटी हो, तुम्हें बहुत कुछ करना है। हरियाणा की बेटी ऐसी ही है, तुम साबित कर दोगी।
रितिका हुड्डा: हां सर।
रीतिका हुड्डा का हौसला बढ़ाया
भारत ने इस बार पेरिस ओलिंपिक में 1 रजत और 5 कांस्य पदक अपने नाम किए हैं। पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान रीतिका हुड्डा का हौसला बढ़ाया और कहा कि आगे और अच्छा करना है।
दूसरा मुकाबला हारी थी रीतिका
पहलवान रीतिका हुड्डा पेरिस ओलिंपिक में रेसलिंग के 76 Kg वेट कैटेगरी में क्वार्टर फाइनल हार गई थी। उन्हें किर्गिस्तान की एइपेरी मेडेट क्यजी ने हराया था। हालांकि दोनों के बीच का मैच 1-1 की बराबरी से छूटा था। जिसके बाद अंपायर ने आखिरी अंक हासिल करने की वजह से किर्गिस्तान की पहलवान को विजेता घोषित कर दिया। इससे पहले प्री क्वार्टरफाइनल में रीतिका ने हंगरी की बर्नाडेट नागी को 12-2 से हराया।
2015 में खेलना किया था शुरू
रीतिका हुड्डा रोहतक जिले के खरकड़ा गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता जगबीर हुड्डा किसान हैं। कुश्ती में आने से पहले पिता जगबीर ने उन्हें हैंडबॉल खेलने के लिए प्रेरित किया था। इसके बाद पिता को लगा कि व्यक्तिगत खेल अधिक अवसर प्रदान करते हैं। इसलिए वे 2015 में रीतिका को छोटू राम अखाड़े में ले गए। वहां कोच मंदीप ने उनकी क्षमता को पहचाना।
अंडर 23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी
रीतिका हुड्डा वर्ल्ड चैंपियनशिप के अंडर-23 वर्ग में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं। उन्होंने दिसंबर 2023 में अल्बानिया की राजधानी तिराना में आयोजित चैंपियनशिप में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीता। इससे पहले भारत की ओर से सिर्फ एक पुरुष पहलवान ने अंडर 23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था।
ट्रायल में चयन नहीं होने पर छोड़ना चाहती थी कुश्ती
रीतिका का यहां तक सफर परेशानियों से भरा रहा है। खेल के दौरान वे चोटों से भी गुजरी। एक समय ऐसा भी था जब उन्होंने हार मान ली थी। क्योंकि 2022 के दौरान वह कॉमनवेल्थ गेम्स के ट्रायल, सीनियर वर्ल्ड और एशियन गेम्स में हार गई थीं।
इस हार के बाद उन्होंने कुश्ती न करने का फैसला किया। लेकिन परिवार ने पूरा साथ दिया। उनके माता-पिता ने कहा कि वह अभ्यास करती रहें और वे खाने-पीने का ध्यान रखेंगे। इसके बाद दोबारा खेलने का फैसला किया और आज वह यहां तक पहुंच गई हैं।