प्रीमियम बढ़ोतरी का नियम केवल नई पॉलिसी पर, IRDAI ने दिया स्पष्टीकरण
Updated on
18-04-2025 03:03 PM
नई दिल्ली: भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने साफ किया है कि सीनियर सिटीजन के हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम में 10 फीसदी की सालाना बढ़ोतरी की सीमा सिर्फ उन पॉलिसी पर लागू होगी जो इस साल 31 जनवरी के बाद फाइल की गई हैं या जिनकी कीमतें फिर से तय की गई हैं। इससे पहले वाली पॉलिसीज पर ये नियम लागू नहीं होता। यह स्पष्टीकरण बीमा कंपनियों के कई सवालों के बाद आया है, जो इस नए नियम के लागू होने को लेकर मार्गदर्शन मांग रहे थे।
यह नियम 60 साल या उससे अधिक उम्र के पॉलिसीधारकों को प्रीमियम में भारी बढ़ोतरी से बचाने के लिए बनाया गया है। IRDAI का कहना है कि बुजुर्गों की आमदनी सीमित होती है और प्रीमियम में बढ़ोतरी से ये लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं। 31 जनवरी से पहले वाली पॉलिसीज पर कंपनी के अधिकारी ने बताया कि अगर किसी पुरानी पॉलिसी की कीमतें फिर से तय की जा रही हैं तो उसका प्रीमियम 10 फीसदी से ज्यादा भी बढ़ सकता है।
आधिकारिक बयान नहीं
हालांकि IRDAI ने इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है लेकिन बीमा कंपनियों को बताया गाया है कि ये नियम तभी लागू होगा जब पॉलिसी की कीमतों फिर से तय की जाएं। मिसाल के तौर पर अगर किसी पॉलिसी की कीमत आखिरी बार जनवरी 2025 में तय हुई है, तो अगली बार ये नियम 2028 में लागू होगा। IRDAI के 30 जनवरी के सर्कुलर में सिर्फ रिवीजन का जिक्र है, जिससे कुछ अस्पष्टता है। वहीं, रेगुलेटर ने एक और नियम बनाया है जिसके मुताबिक पॉलिसी बंद करने से पहले रेगुलेटर से मंजूरी लेनी होगी। इससे , खासकर बुजुर्गों को लंबी अवधि के कवर से वंचित होने से बचाया जा सकेगा। यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि सीनियर सिटीजन को अचानक होने वाली ज्यादा प्रीमियम बढ़ोतरी से बचाया जा सके। पुराने नियम के अनुसार, जो पॉलिसी 31 जनवरी से पहले से चल रही हैं, उन पर यह 10% का नियम लागू नहीं होगा। इसका मतलब है कि उन पॉलिसी का प्रीमियम 10% से ज्यादा भी बढ़ सकता है। कुछ मामलों में तो यह 60% तक भी बढ़ सकता है। यह बढ़ोतरी इस बात पर निर्भर करती है कि कंपनी को क्लेम भरने में कितना खर्च आ रहा है। आमतौर पर, हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां हर दो-तीन साल में अपनी पॉलिसी की कीमत बदलती हैं। पुरानी पॉलिसी को धीरे-धीरे बंद कर दिया जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि स्वस्थ लोग पॉलिसी छोड़ देते हैं और सिर्फ वही लोग पॉलिसी रखते हैं जिन्हें ज़्यादा क्लेम की ज़रूरत होती है। इसे एडवर्स सिलेक्शन कहते हैं।
क्या होगा फायदा
एक इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारी ने बताया कि अगर किसी पुरानी पॉलिसी की कीमत अभी नहीं बदली जा रही है, तो उसका प्रीमियम 10% से ज्यादा भी बढ़ सकता है। यह नियम इसलिए लाया गया क्योंकि सीनियर सिटीजन से बहुत शिकायतें आ रही थीं। कुछ लोगों का तो हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम एक साल में दोगुना हो गया था। IRDAI ने कहा कि यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि सीनियर सिटीजन को आर्थिक रूप से सुरक्षित रखा जा सके। अक्सर, उनकी कमाई कम होती है और वे ज्यादा प्रीमियम नहीं भर पाते हैं।
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