प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जनता को सचेत करते हुए इससे बचने के लिए मंत्र दिया। पीएम ने कहा- मैं आपको डिजिटल सुरक्षा के तीन चरण बताता हूं, ये तीन चरण हैं - 'रुको, सोचो और एक्शन लो'।
इंदौर सहित मध्य प्रदेश के सभी शहरों से डिजिटल अरेस्ट के कई मामले सामने आए हैं। ठगों ने हर उम्र वर्ग के लोगों को निशाना बनाया और लाखों रुपये ऐंठ लिए। वैज्ञानिक, मेट्रो के अधिकारी सहित महिला प्रोफेसर के साथ भी यह वारदात हो चुकी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि साइबर अपराधियों के पास आपकी सारी जानकारी होती हैं। आप क्या करते हैं, आपके बच्चे कहा पढ़ते हैं। वे वीडियो कॉल करके खुद को पुलिस की वर्दी या सरकारी दफ्तर में बैठे हुए दिखाते हैं। वो लोगों को धमकाते हैं और जल्द फैसला लेने की बात कहते हैं। इस दौरान व्यक्ति पर मानसिक दबाव बनाने की कोशिश की जाती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई व्यवस्था कानून में नहीं है, ये सिर्फ फ्रॉड है, फरेब है, झूठ है, बदमाशों का गिरोह है और जो लोग ऐसा कर रहे हैं, वो समाज के दुश्मन हैं। डिजिटल अरेस्ट के नाम पर जो फरेब चल रहा है, उससे निपटने के लिए तमाम जांच एजेंसियां, राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। इन एजेंसियों में तालमेल बनाने के लिए नेशनल साइबर को-ऑर्डिनेशन सेंटर की स्थापना की गई है।