भारत का डिफेंस रिसर्च बजट देश को ग्लोबल लीडर बनाने के लिए काफी नहीं है। इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक भारत की संसदीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। इसमें कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर लीडर बनने के लिए आने वाले सालों में देश को रक्षा क्षेत्र में रिसर्च पर बजट दोगुना करने की जरूरत है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रिसर्च के क्षेत्र में हमें बजट 5.38% से बढ़ाकर 8-10% के बीच ले जाना होगा। फिलहाल डिफेंस रिसर्च का जितना बजट है, वह सिर्फ देश को आत्मनिर्भर बनाने या उसकी रक्षा करने के लिए ही काफी है। इससे देश ग्लोबल लीडर नहीं बन सकता।
सेंटर फॉर एयर पावर स्टडीज के रिटायर्ड डायरेक्टर जनरल एयर मार्शल अनिल चोपड़ा ने कहा- चीन डिफेंस के क्षेत्र में रिसर्च पर अरबों डॉलर खर्च कर रहा है। ऐसे में पीछे रहने का रिस्क नहीं ले सकते। डिफेंस प्रोडक्शन में ग्लोबल प्लेयर बनने के लिए हमें प्रतिस्पर्धा की भावना से काम करना होगा। हथियारों का लाइसेंस के साथ प्रोडक्शन करना काफी नहीं है।
कमेटी बोली- 2010-11 में ज्यादा था बजट, बाद में कम किया गया
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि 2010-11 में रक्षा में रिसर्च का बजट 6.59% था। फिर 2014-15 में 6.6% हो गया, लेकिन इसके बाद इसे लगातार घटाया जा रहा है। इसके अलावा पैनल ने DRDO में इस बजट के इस्तेमाल को लेकर भी चिंताएं जताई हैं। कमेटी ने कहा कि रिसर्च बजट का करीब 25% हिस्सा यानी 1300 करोड़ रुपए प्राइवेट सेक्टर को दे दिए जाते हैं। इससे DRDO के प्रोजेक्ट्स के लिए कम पैसे बचते हैं।
कमेटी ने इस बात पर जोर दिया कि देश में डिफेंस मैकेनिज्म को मजबूत और मॉडर्न बनाने के लिए सरकार को DRDO के प्रोजेक्ट्स और आउटसोर्सिंग प्रोजेक्ट्स के लिए जरूरी फंड उपलब्ध कराने की जरूरत है। इससे DRDO ऐसे प्रोजेक्ट्स पर काम कर सकेगा जो अनोखे और दुनिया में अब तक न हुए हों। इसके बाद ही देश आगे चलकर हथियारों और गोला-बारूद का एक्सपोर्टर बनकर उभर सकेगा।
कमेटी ने कहा कि बजट को बढ़ाने का लक्ष्य भारत को नई तकनीक वाले हथियार और डिफेंस सिस्टम के क्षेत्र में ग्लोबल पावर बनाना है। DRDO इस वक्त करीब 328 प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है, जो करीब 99.90 हजार करोड़ रुपए के हैं।
भारत मिलिट्री पर खर्च करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश
अमेरिका और चीन के बाद भारत मिलिट्री पर खर्च करने वाला दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक (SIPRI) भारत ने 2022 में अपनी सेना पर 76.6 बिलियन डॉलर यानी 6 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं। जो 2020 के मुकाबले 0.9% और 2012 के मुकाबले 33% ज्यादा है। 2023 में भारत के रक्षा बजट में 69 करोड़ रुपए का इजाफा किया गया था।
चीन का बजट भारत से 4 गुना ज्यादा
चीन ने ताइवान और साउथ चाइना सी पर अमेरिका से बढ़े विवादों के बीच अपने डिफेंस बजट में 4.2% की बढ़ोतरी की है। इसके बाद चीन डिफेंस बजट पर खर्च करने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। चीन का बजट भारत से लगभग 4 गुना ज्यादा हो गया है। भारत ने अपने डिफेंस पर 2022 में 6 लाख करोड़ खर्च किए, जबकि चीन ने 23 लाख करोड़ खर्च किए।